नई दिल्ली. हिजाब विवाद मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. लॉ बोर्ड ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना अनिवार्य प्रथा नहीं है. बता दें कि इस मामले में उलेमाओं की संस्था समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक HC का फैसला इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या है.
लाइव लॉ के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्लास में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो अन्य याचिकाकर्ताओं मुनिसा बुशरा और जलीसा सुल्ताना यासीन के साथ अपने सचिव, मोहम्मद फजलुररहीम के जरिए हिजाब बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी की तीन सदस्यीय बेंच ने 15 मार्च को मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. इन याचिकाओं में क्लास के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगी गई थी.
इससे पहले 17 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर की गई थी. ये याचिका सजीदा बेगम ने दायर की है, जिन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष हिजाब मामले से संबंधित कार्यवाही में भी खुद को एक पक्ष के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया था. फिलहाल इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट: हिजाब का परीक्षा से कोई लेना देना नहीं
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