नई दिल्ली. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियों का विचार किया जाता है. शुक्र और गुरु तारा की स्थिति को देखकर ही विवाह मुहूर्त निश्चित किए जाते हैं. अगर ये दोनों तारे अस्त होते हैं तो उस स्थिति में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं निकलता है. दोनों के उदय होने पर ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक गुरु और शुक्र का तारा उदय होने से अप्रैल माह की 15 तारीख से शादियों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होंगे जो 8 जुलाई तक रहेंगे. जिसमे अप्रैल माह में 6 दिन शादियों हो पाएंगी. वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 15 और जून में 12 दिन रहेंगे. इसके बाद जुलाई में 5 दिन और नवंबर में 4 दिन और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त रहेंगे.
9 जुलाई से 25 नवंबर तक 109 दिन नही होंगी शादियां
इस बार 15 अप्रैल से विवाह योग बन रहे हैं. जिसमें 8 जुलाई भड़ली नवमी तक विवाह होंगे. इसमें 3 मई जो अबूझ मुहूर्त अक्षया तृतीया है, जिसमें हमेशा की तरह सामान्य से अधिक शादियां होंगी. 9 जुलाई के बाद विवाह थम जाएंगे. उसके बाद देवउठनी एकादशी से शादियां आरंभ न होकर 26 नवंबर गुरु-शुक्र के उदयाकाल से विवाह होंगे.
विवाह शुभ मुहूर्त
अप्रैल माह में विवाह मुहूर्त 15, 17, 19, 23, 27, 28 तारीख तक रहेंगे.
मई माह में विवाह मुहूर्त 2 से 4, 9 से 20, 24 से 31 तारीख तक रहेंगे.
जून माह में विवाह मुहूर्त 1,3 से 17, 21 से 23, 26 तारीख रहेंगे.
जुलाई माह में विवाह मुहूर्त 2, 3, 5, 6, 8 तारीख तक रहेंगे.
नवंबर महीने में विवाह मुहूर्त- 26, 27, 28 तारीख तक रहेंगे.
दिसंबर में- 2 से 4, 7 से 9, 13 से 15 दिसंबर तक विवाह होंगे.
अप्रैल माह के अन्य मुहूर्त
अप्रैल माह में बच्चों के नामकरण के लिए कुल 6 शुभ मुहूर्त बने रहे हैं. जिसमे अप्रैल माह की 1, 3, 6, 10, 11 और 15 तारीख को नामकरण किया जा सकता है. वंही ग्रह प्रवेश का शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल को रहेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, विवाहित बेटियों को रोडवेज में इस आधार पर मिलेगी नौकरी
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