पलपल संवाददाता, रीवा. एमपी के रीवा जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाला घटनाक्रम सामने आया है, यहां पर सरकारी अस्पताल में मृत वृद्धा को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके चलते वृद्धा की बेटी व बहुएं चारपाई पर शव रखकर नंगे पैर पांच किलोमीटर दूर घर पैदल गई. इस दृश्य को जिसने भी देखा उसने सरकारी व्यवस्थाओं को जमकर कोसा.
बताया गया है कि रीवा के ग्राम महसुआ निवासी मोलिया केवट उम्र 80 वर्ष को तबियत खराब होने के कारण रायपुर कर्चुलियान स्वास्थ्य केन्द्र में भरती कराय गया, जहां पर वृद्धा की बीते दिन उपचार के दौरान मौत हो गई, वृद्धा की मौत के बाद परिजनों ने शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एम्बुलेंस की मांग की, जिसपर अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि शव को ले जाने के लिए अस्पताल में वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है, इसके बाद भी महिलाओं ने एम्बुलेंस सहित अन्य वाहन की व्यवस्था करने के लिए अस्पताल के अन्य अधिकारियों से भी संपर्क किया लेकिन हर तरफ निराशा हाथ लगी, मजबूर होकर दोनों बेटी व बहुएं शव को चारपाई पर रखकर नंगे पैर पैदल घर के लिए रवाना हो गई, करीब पांच किलोमीटर तक चारपाई पर शव लेकर जा रही महिलाओं को जिसने भी देखा वह स्तब्ध रह गया, खासबात तो यह है कि करीब पांच किलोमीटर के रास्ते से कई वाहन भी गुजरे लेकिन उन्होने भी मदद नहीं की. इस घटनाक्रम के बाद एक बात साफ हो गई है कि शासकीय अस्पतालों में आज भी गरीब मरीज व उनके परिजनों की कोई सुनवाई नहीं होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केजरीवाल सरकार ने जारी किया आर्थिक सर्वे: प्रति व्यक्ति आय के मामले में तीसरे नंबर पर दिल्ली
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