अहमदाबाद. एक स्थानीय अदालत ने पानी पीने और बार-बार शौचालय जाने की अनुमति मांगने पर 5 साल के एक छात्र की पिटाई करने वाले दो शिक्षकों को 3 साल जेल की सजा सुनाई है. मिर्जापुर कोर्ट के फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मिजस्ट्रेट टी.ए. भडज़ा ने दोनों शिक्षकों, 36 साल के तरुना परबटिया और 47 साल की नजमा शेख की जमानत रद्द कर दी और आदेश दिया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया जाए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों दोषी शिक्षक मकरबा के अर्जुन प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते थे. तरुना परबटिया और नजमा शेख के खिलाफ 22 जून 2017 को सरखेज पुलिस स्टेशन में पीडि़त छात्र की मां ने पिटाई की शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत के अनुसार, बच्चे को दोनों शिक्षकों ने बेरहमी से पीटा था, यहां तक की उसका गला भी दबाया. पिटाई की वजह से बच्चे के शरीर पर जख्म के निशान भी बन गए थे.
मौके पर पहुंच गए थे बच्चे के पिता
जब दोषी शिक्षक, बच्चे की पिटाई कर रहा था, संयोग से उसी वक्त बच्चे का पिता भी संयोग से स्कूल पहुंच गया था. बच्चे ने अपने घरवालों को बताया कि उसे स्कूल में पानी पीने या नाश्ता करने या शौचालय जाने की अनुमति नहीं थी. उसने अपनी मां को जांघों पर पड़े चोट के निशान भी दिखाए थे.
3 साल की सुनाई गई सजा
पुलिस ने शिक्षकों पर आईपीसी की धारा 323 के तहत चोट पहुंचाने औरकिशोर न्याय अधिनियम और बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया. शिक्षकों ने आरोपों से इनकार किया, मगर अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और आईपीसी के प्रावधानों के तहत 400 रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने जेल की सजा सुनाई. साथ ही उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. सजा के अलावा, अदालत ने संबंधित अधिकारियों को आरटीई अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्कूल द्वारा दोनों शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करने का भी आदेश दिया और इस पर 20 दिनों में रिपोर्ट मांगी.
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