नई दिल्ली. इंटेलिजेंस फर्म ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक’ ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि चीन ने साइबर जासूसी अभियान के तहत भारत के बिजली सेक्टर को निशाना बनाया है. ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ की रिपोर्ट के हवाले से ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है उत्तर भारत के कम से कम 7 लोड डिस्पैच सेंटर्स चीन की सरकार द्वारा प्रायोजित हैकर्स के निशाने पर थे. इन लोड डिस्पैच सेंटर्स का काम पूरे लद्दाख और यहां चीन सीमा के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली पहुंचाने के लिए रियल टाइम ऑपरेशनों को अंजाम देना है.
इन लोड डिस्पैच सेंटर्स में से एक पर पहले भी हैकिंग ग्रुप RedEcho द्वारा अटैक किया जा चुका है. रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट के मुताबिक ये हैकर्स एक बड़े हैकिंग ग्रुप से संबंध रखते हैं. वहीं, अमेरिका भी मानता है कि हैकिंग ग्रुप का सीधा संबंध चीनी सरकार से है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हैकर्स ने भारत के एक नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम, मल्टीनेशनल लॉजिस्टिक कंपनी की इकाई को भी निशाने पर लिया था. इस हैकिंग ग्रुप TAG-38 ने ShadowPad नाम का मेलवेयर सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया था.
भारत के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि चीनी हैकर्स ने लद्दाख में इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को दो बार निशाना बनाया, लेकिन वे किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने में कामयाब नहीं हो सके. हमले इस तरह के साइबर अटैक को रोकने और उचित जवाब देने के लिए अपना डिफेंस सिस्टम मजबूत किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सॉफ्टवेयर पहले चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी और डिफेंस मिनिस्ट्री इस्तेमाल कर चुके हैं. रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट का कहना है कि डिस्पैच सेंटर्स को निशाना बनाकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास की जानकारी एकत्र की गई होगी या फिर भविष्य में कहां क्या योजनाएं बनाई जा रही हैं, इसको निकाला गया होगा. रिकॉर्डेड फ्यूचर के सीनियर मैनेजर जोनाथन कोंड्रा ने कहा कि हैकर्स द्वारा घुसपैठ करने के लिए अपनाए गए तरीके असामान्य थे. हैकरों ने जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया वे दक्षिण कोरिया और ताइवान से ऑपरेट हो रहे थे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक ने ही मुंबई में 12 अक्टूबर 2020 को 12 घंटे के लिए हुए ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स के शामिल होने का खुलासा किया था. उसी दिन तेलंगाना में भी 40 सब-स्टेशन को इन हैकर्स ने टारगेट किया था. हालांकि, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम से अलर्ट मिलने के बाद इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया था. चीन प्रायोजित हैकर्स भारत में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई को ही अब तक टारगेट करते रहे हैं. साइबर अटैक के जरिए चीन का मकसद भारत की आंतरिक व्यवस्था को बाधित करना प्रतीत होता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हथियारों की भूख शांत करने के लिए पैसा चोरी करवा रहे किम जोंग उन, हैकर्स की फौज ने अरबों डॉलर उड़ाए
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