रोहतास. बिहार के रोहतास जिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. कुछ चोर 60 फीट लंबा और 20 टन वजनी लोहे का पुल चुरा कर चलते बने. चोरों ने इस हैरतअंगेज चोरी की घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया. बताया जाता है कि कुछ लोग खुद को सिंचाई विभाग का अधिकारी बताकर आए और नहर पर बने लोहे के पुराने पुल को काटना व उखाड़ना शुरू कर दिया. चोरों ने पुल को गैस कटर से काट दिया और जेसीबी से उसे उखाड़ कर गाड़ी पर लाद लिया और आराम से चलते बने. बाद में पता चला कि वे सिंचाई विभाग के अधिकारी नहीं, बल्कि चोर थे. हकीकत जानकर जहां ग्रामीण भी हैरत में पड़ गए तो दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन में भी पुल चोरी होने की घटना से खलबली मच गई. बता दें कि इस पुल का इस्तेमाल नहीं हो रहा था.
जानकारी के अनुसार, पुल चोरी की यह घटना रोहतास जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर की है. यहां के आरा नहर पर वर्ष 1972 के आसपास बनाए गए लोहे के पुल को चोरों ने दिनदहाड़े चुरा लिया. विभागीय अधिकारी बनकर कुछ लोग जेसीबी, पिकअप वैन, गैस कटर आदि लेकर पहुंचे और 3 दिनों में काट-काट कर पूरा पुल ही गायब कर दिया. सबसे मजे की बात है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का झांसा देकर चोरों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मदद भी ली और उनकी मौजूदगी में पूरा पुल चुरा लिया. स्थानीय कर्मचारियों की मौजूदगी में चोर पुल को काट-काट कर पिकअप पर लादकर ले जाते रहे. यह क्रम 3 दिनों तक चलता रहा, लेकिन न तो स्थानीय कर्मचारियों और न ही आलाधिकारियों को इसकी भनक तक लग सकी.
इस घटनाक्रम से ग्रामीण हतप्रभ हैं. ग्रामीण मंटू सिंह, शिवकल्याण भारद्वाज आदि ने बताया कि वे लोग समझ रहे थे कि सिंचाई विभाग के अधिकारी क्षतिग्रस्त पुल को हटा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग कुछ विभागीय कर्मियों को भी इस दौरान मौके पर देखा था, जो इलाके के मौसमी कर्मचारी हैं. इस कारण कुछ बोल नहीं सके और पूरा पुल ही चोरी हो गया. जर्जर हो जाने के कारण इस लोहे के पुल का लोग उपयोग नहीं कर रहे थे. ग्रामीण पुल को हटाने के लिए आवेदन भी दे चुके थे.
लोहे का पुल लगभग 60 फीट लंबा और 12 फीट ऊंचा था. पुल जब चोरी हो गई, तब जाकर ग्रामीण तथा विभाग को समझ में आया कि वे लोग झांसे में पड़ गए थे. इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने थाने में पुल चोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया. जिस तरह से दिनदहाड़े अपराधियों ने नहर पर बने लोहे का पूरा पुल चुरा लिया, वह कई सवाल खड़े करती है.
इस संबंध में सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता अरशद कमाल शम्सी ने बताया कि पुल को परित्यक्त घोषित कर दिया गया था. पुल का अधिकांश हिस्सा पिछले कई सालों में धीरे-धीरे चोरी हो चुका था. इस पुल को हटाना था, लेकिन ग्रामीणों द्वारा पता चला कि झांसा देकर कुछ लोग पुल ही चुरा ले गए. इस संबंध में नासरीगंज थाना में केस दर्ज कराया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार MLC चुनाव का फाइनल रिजल्ट: बीजेपी के खाते में आयी सबसे ज्यादा सीटें
बिहार: कब्रिस्तान से 3 बच्चों के शव गायब, जादू-टोना का शक
बिहार में MLC प्रत्याशी के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग: एक की मौत, दो की हालत नाजुक
मुम्बई पुलिस की अभिरक्षा से भागे बिहार के दो शातिर बदमाश जबलपुर में गिरफ्तार
Leave a Reply