नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को बढ़ाने को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना की मियाद और बढ़ा दी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 5,911 करोड़ रुपये के बजट के साथ राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025 से 26 तक जारी रखने की मंजूरी प्रदान की गई. इसमें केंद्र सरकार की ओर से 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि राज्य सरकारों की ओर से 2,211 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को अब 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है. इस योजना में 60 फीसद बजट की बढ़ोतरी की गई है. साल 2025-26 तक इस योजना पर 5,911 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिसमें केंद्र की ओर से 3,700 करोड़ जबकि राज्यों द्वारा 2,211 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
इस योजना के माध्यम से 2.78 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को टिकाऊ विकास लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. पहले इस योजना के तहत 1.36 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया. भविष्य में इसके तहत 1.65 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. पीआइबी की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत राष्ट्रीय महत्व के विषयों प्राथमिकता दी जाएगी.
इसमें गांवों में गरीबी मुक्त और बढ़ी हुई आजीविका, स्वस्थ गांव, बच्चों के अनुकूल गांव, जल पर्याप्त गांव, स्वच्छ और हरित गांव, गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाले गांवों पर जोर होगा. सरकार का मानना है कि पंचायतों को मजबूत करने से सामाजिक न्याय और समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशिता को भी बढ़ावा मिलेगा. यह योजना ग्राम सभाओं को प्रभावी संस्थानों के रूप में कार्य करने के लिए मजबूत करेगी.
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