कांग्रेस में घमासान पर हार्दिक पटेल का नया बयान- अगर सच बोलना गुनाह है तो मैं गुनहगार हूं

कांग्रेस में घमासान पर हार्दिक पटेल का नया बयान- अगर सच बोलना गुनाह है तो मैं गुनहगार हूं

प्रेषित समय :08:08:11 AM / Fri, Apr 15th, 2022

गांधीनगर. गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने एक बार फिर अपनी पार्टी को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस नेतृत्व पर अनदेखा करने का बड़ा आरोप लगाते हुए हार्दिक पटेल ने कहा था कि पार्टी में उनकी हालत उस दूल्हे की तरह है, जिसकी शादी के बाद नसबंदी करा दी गई हो. अब हार्दिक ने कहा है कि अगर सच बोलना गुनाह है तो मुझे गुनहगार माना जाना चाहिए. हालांकि उनका ये भी कहना था कि पार्टी में छोटे-मोटे झगड़े और आरोप प्रत्यारोप होते रहते हैं, लेकिन हम सबको मिलकर गुजरात को बेहतर बनाने के लिए काम करना है.

2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय के बड़े नेता के तौर पर उभरे हार्दिक पटेल ने मार्च 2019 में कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी और जुलाई 2020 में उन्हें महज 26 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था. इसके बाद से पार्टी में नजरअंदाज किए जाने का वह आरोप लगा रहे हैं. बुधवार को हार्दिक ने बड़ा आरोप लगाया था कि उन्हें पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमिटी) की बैठक में नहीं बुलाया जाता. कोई भी निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती. ऐसे में इस पद का क्या मतलब है? गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर है.

अब कांग्रेस पार्टी में इस घमासान को लेकर हार्दिक पटेल का नया बयान आया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हार्दिक ने गुरुवार को कहा कि अगर सच बोलना गुनाह है तो मुझे गुनाहगार माना जाए. गुजरात की जनता हमसे उम्मीदें रखती है, हमें उन पर खरा उतरना है. पार्टी के भीतर छोटे-मोटे झगड़े और दोषारोपण तो होते रहेंगे, लेकिन हमें गुजरात को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा. उनका कहना था कि मैंने अब तक कांग्रेस को अपना शत-प्रतिशत दिया है. आने वाले दिनों में भी दूंगा. हम गुजरात में बेहतर विकास करेंगे.

कांग्रेस नेतृत्व पर फैसले लेने में देरी का आरोप लगा चुके हार्दिक ने गुरुवार को फिर से ये मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि (पार्टी को) जितनी जल्दी हो सके, फैसले लेने चाहिए. हार्दिक ने पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाते हुए बुधवार को साफ कहा था कि कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव है. केंद्र और प्रदेश में नेता ज्यादा होने के कारण फैसला नहीं हो पाता. उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर पाटीदार समाज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी भी दी थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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