मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मुंबई में बुधवार को कहा कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मनसे द्वारा राज्य सरकार को तीन मई तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद करने की चेतावनी पर शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. महंगाई और बेरोजग़ारी पर बोलने का समय है, लेकिन इस पर कोई नहीं बोलता.
गत दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का अध्यक्ष बनने में कोई रुचि नहीं है और न ही वे किसी भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व करना चाहते हैं. हालांकि, यदि इस प्रकार का कोई मोर्चा बनता है तो वे उसका पूरा समर्थन और सहयोग करेंगे. पवार ने यह भी कहा कि केंद्र में भाजपा का विकल्प देने के उद्देश्य से यदि कोई पहल शुरू की जाती है तो उससे कांग्रेस को बाहर नहीं रखा जा सकता. कुछ दिनों पहले दिल्ली में राकांपा की युवा इकाई के अध्यक्ष ने पार्टी की बैठक में पवार को संप्रग अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था. इस बैठक में खुद पवार भी मौजूद थे.
कोल्हापुर में पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि मैं इस तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं लूंगा. यदि भाजपा का विकल्प तैयार करने की कोई पहल होती है तो मैं उसे सहयोग और समर्थन देने को तैयार हूं. पवार के अनुसार, जब विपक्ष को साथ आने की बात कही जाती है तो कुछ बातों की अनदेखी नहीं की जा सकती. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस बंगाल की सबसे मजबूत पार्टी है. इसी तरह कई और क्षेत्रीय पार्टियां अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत हैं. कांग्रेस की अखिल भारतीय स्तर पर मौजूदगी आज भी है. देश के हर राज्य, जिले एवं गांव में उसके कार्यकर्ता मिल जाएंगे. भाजपा का विकल्प तैयार करने के लिए उसे नेतृत्व संभालने की जरूरत है.हाल ही में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि मजबूत लोकतंत्र के लिए देश में मजबूत विपक्ष होना जरूरी है.
इस संबंध में पूछे जाने पर पवार ने गडकरी के कथन का समर्थन किया. कहा कि यदि देश में सिर्फ एक ही पार्टी मजबूत रहेगी तो उसका नेता पुतिन के समान हो जाएगा. रूस और चीन के राष्ट्रपतियों ने आजीवन सत्ता में रहने का प्रस्ताव पास करा लिया है. हम उम्मीद करते हैं कि भारत में कोई पुतिन नहीं होगा. पवार ने इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स के बारे में कहा कि यह इस तरह बनाई गई है कि इसे देखकर एक धर्म के लोगों को गुस्सा आए. यह फिल्म तथ्यों पर आधारित नहीं है. यह भेदभाव एवं विद्वेष फैलाने का काम कर रही है. उनका कहना है कि गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों के समय हालात कश्मीर घाटी से भी ज्यादा खराब थे. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उस समय के गुजरात के मुखिया इन दंगों पर कुछ नहीं बोलते.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब-यूपी और गोवा को लेकर शरद पवार बोले- उतार-चढ़ाव चुनावी राजनीति का हिस्सा
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