जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय के चंद मीटर दूर केन्द्रीय रेलवे चिकित्सालय में अव्यवस्थाएं अपने चरम पर हैं. यहां पर जबलपुर के अलावा मंडल के दूर-दराज के स्टेशनों से उपचार कराने आने वाले रिटायर रेल कर्मचारी व कार्यरत कर्मचारियों और उनके परिजनों को लगातार परेशान होना पड़ रहा है. स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि डाक्टर को दिखाने के लिए घंटों कतार में लगने के बाद जब दवाइयां लेने की बारी आती है तो वहां पर और स्थिति गंभीर बनी हुई है, वहां पर दवाइयां वितरित करने वाले फार्मासिस्ट की भारी कमी से लोग घंटों भीषण गर्मी में परेशान होते रहे. बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट पमरे मुख्यालय व स्टोर्स में बाबूगिरी में तैनात किये गये हैं.
बताया जाता है कि यह स्थिति पिछले काफी दिनों से बनी हुई है. केन्द्रीय रेलवे अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं. आज मंगलवार 19 अप्रैल को दवाइयां लेने के लिए बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी, बुजुर्ग, महिलाएं कतार में लगे थे, यहां पर मात्र दो काउंटर से ही दवाइयों का वितरण किया जा रहा था, जबकि 5 काउंटर्स हैं. बताते हैं कि कतार में खड़े लोग गर्मी व खड़े रहने से थक कर परेशान हो गये और आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगे, तब उन्हें बताया गया कि यहां पर दवाइयों का वितरण करने के लिए स्टाफ की कमी है. इसलिए दो काउंटर्स से ही दवाइयों का वितरण हो रहा है.
मुख्यालय व भंडार गृह में बाबूगिरी कर रहे फार्मासिस्ट
जानकारों की माने तो रेलवे अस्पताल में फार्मासिस्ट की कोई कमी नहीं है, दरअसल समस्या मैनेजमेंट की है. 4 फार्मासिस्ट की तैनाती पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय के चीफ मेडिकल डायरेक्टर के कार्यालय में बाबूगिरी के कामों में लगाई गई है तो 5 फार्मासिस्ट केंद्रीय अस्पताल के भंडार गृह में जमे हुए हैं. मुख्यालय व स्टोर्स में ऐसे फार्मासिस्ट जमे हुए हैं, जो सीएमडी व एमडी के खास हैं.
काउंटर्स में क्यों नहींं की जाती तैनाती
बताया जाता है कि रेलवे अस्पताल में सिक-फिट के काम में फार्मासिस्ट लगाये गये हैं. इस काम के लिए रेलवे अस्पताल प्रशासन ने चीफ फार्मासिस्ट को नियुक्त किया है, लेकिन एक फार्मासिस्ट को एक्सट्रा नियुक्ति की गई है. स्पष्ट है कि जब मरीजों को दवाइयां वितरित करने के काम की बजाय बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट दूसरे कामों में लगाये जायेंगे तो लोग तो लंबी कतारों में खड़े रहने मजबूर होंगे.
अन्य जगह पदस्थ फार्मासिस्ट काउंटर्र्स में हों तैनात
अनेक पीडि़त रेल कर्मचारियों व रिटायर रेल कर्मचारियों ने पमरे के महाप्रबंधक से मांग की है कि अपने मूल काम को छोड़कर अन्य कार्यों व जगहों में तैनात किये गये फार्मासिस्टों को काउंटर्स में दवाइयों के वितरण कार्य में लगाया जाए, ताकि घंटों गर्मी में कतार में खड़े रहने से राहत मिल सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-काम के बढ़ते तनाव के चलते रेलवे अफसर ले रहे हैं VRS, 9 माह में घर पहुंचे 77 अधिकारी
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