चंडीगढ़. पंजाब में कर्ज का भुगतान नहीं करने वाले किसानों को वारंट जारी होने के बाद बवाल मच गया है. किसानों को सहकारी बैंकों द्वारा त्रण का भुगतान न करने के लिए वारंट जारी किए गए हैं. इसके बाद कीर्ति किसान यूनियन के सदस्यों ने किसानों से कर्ज वसूली के संबंध में सहकारी बैंकों द्वारा अपना रुख सख्त किए जाने के बाद राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है. किसान नेताओं ने कहा कि वे इस तरह के कदमों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो किसानों को आत्महत्या की ओर धकेलेंगे.
केकेयू के सचिव स्वर्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों को किसानों से कर्ज वसूली के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. हम उन्हें किसी भी किसान की गिरफ्तारी या संपत्ति कुर्क नहीं करने देंगे. एक अन्य नेता अमरजीत हनी ने कहा कि इस साल गेहूं की पैदावार में काफी कमी आई है. किसान अपनी किश्त नहीं चुका पा रहे हैं. हम मांग करते हैं कि छोटे किसानों का पूरा कर्ज तुरंत माफ किया जाए. अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो हम जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे.
वहीं सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार स्वर्णजीत सिंह ने कहा कि हालांकि वारंट जारी किया गया था, लेकिन अब तक किसी भी किसान की गिरफ्तारी नहीं हुई है. वारंट केवल उन्हीं किसानों को जारी किया गया है, जिन्होंने घर बनाने सहित कृषि के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए ऋण लिया था और लंबे समय से इसे चुकाया नहीं है.
सहकारी समिति के पदाधिकारी पिप्पल सिंह ने बताया कि अल्पावधि ऋण के तहत सहकारी समिति में 17,531 चूककर्ता सदस्य हैं, जिनके प्रति 140.63 रुपये करोड़ बकाया हंै. इन बकाएदारों को कोई वारंट जारी नहीं किया गया है. अधिकारी ने कहा कि 4,710 डिफॉल्टर्स थे, जो 205.76 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थे, जिनमें 930 किसान शामिल थे, जिन्हें वारंट जारी किया गया है.
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