नई दिल्ली. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सेंट्रल स्कूलों में प्रवेश के लिए शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 के लिए संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश जारी कर दिए है. इसके साथ ही केवीएस सेंट्रल स्कूलों में छात्रों के प्रवेश की सिफारिश में सांसदों का विवेकाधीन कोटा भी खत्म कर दिया है.
नए दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत कक्षा की संख्या से अधिक प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा. केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि ऐसे छात्रों का प्रवेश संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा दी गई सूची के आधार पर प्रति केवी 10 बच्चों और प्रति कक्षा अधिकतम दो बच्चों के आधार पर किया जाएगा. इन बच्चों को पहली से बारहवीं कक्षा तक फीस के भुगतान से छूट दी जाएगी.
इसके अलावा सशस्त्र बलों की शिक्षा के प्रत्येक निदेशालय यानी सेना, वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल दसवीं और बारहवीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 6 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
केंद्रीय विद्यालयों, केवीएस के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों, जेडआईईटी के सेवारत कर्मचारियों के बच्चों को वर्ष के दौरान किसी भी समय प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा, भले ही कक्षा की संख्या/स्थानांतरण/भर्ती का वर्ष कुछ भी हो. हालांकि, कक्षा नवमीं के लिए बच्चे को प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. सेवानिवृत्त व्यक्तियों के बच्चों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावासों में 15 प्रवेश दिए जाएंगे. अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश पर प्रवेश दिया जाएगा. इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएंगी.
गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों, यानी सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 प्रवेश. विभिन्न स्तरों पर खेल और खेलकूद मीट/स्काउटिंग एंड गाइडिंग/एनसीसी/एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश के लिए भी रियायत दी जाएगी. इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र पिछले किसी भी वर्ष का हो सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में केंद्रीय नियमों को लागू करने के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव
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