नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने 31, मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए राज्यों को आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया पहले ही जारी कर दिया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया जारी कर दिया है और सेस फंड में अपर्याप्त राशि होने के कारण 78,704 करोड़ रुपये पेंडिंग हैं.
मंत्रालय ने कहा कि आम तौर पर किसी भी वित्त वर्ष के लिए दस महीने (अप्रैल से जनवरी) के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी की जाती है जबकि फरवरी-मार्च के लिए क्षतिपूर्ति अगले वित्त वर्ष में दी जाती है. मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दस में से आठ महीनों के लिए राज्यों का जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी कर दी गयी है. पेंडिंग राशि भी तब जारी की जाएगी जब सेस फंड में प्राप्त राशि होगी.
जीएसटी क्षतिपूर्ति की ये है व्यवस्था
1 जुलाई 2017 में जीएसटी लागू करते समय केंद्र की मोदी सरकार ने राज्यों को आश्वस्त किया था कि जुलाई 2022 तक केंद्र राज्यों को जीएसटी लागू करने पर टैक्स कलेक्शन में आई गिरावट की भरपाई करेगा. इसमें व्यवस्था की गई थी कि हर साल 14 फीसदी की राजस्व बढ़ोतरी के आधार पर यह आकलन किया जाएगा.
जीएसटी कलेक्शन ने मार्च में तोड़े रिकॉर्ड
गौरतलब है कि जीएसटी कलेक्शन मार्च में बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह अब तक का एक महीने का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन है. मार्च के जीएसटी कलेक्शन ने जनवरी, 2022 के 1,40,986 लाख करोड़ रुपये के कलेक्शन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. मार्च, 2022 का कलेक्शन पिछले साल के मार्च महीने के जीएसटी कलेक्शन से 15 फीसदी ज्यादा तो मार्च 2020 के जीएसटी कलेक्शन से यह 46 फीसदी ज्यादा है. मार्च में सीजीएसटी कलेक्शन 25,830 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,378 करोड़, आईजीएसटी 74,470 करोड़ रुपये और सेस 9,417 करोड़ रुपये रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एविएशन सेक्टर की सेवाओं पर सरकार ने जीएसटी घटाया, 18% से 5% हुई दर
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