छग के अंबिकापुर-अनूपपुर ट्रेनें बंद करने का विरोध, जमकर प्रदर्शन, रोकी गई मालगाड़ी

छग के अंबिकापुर-अनूपपुर ट्रेनें बंद करने का विरोध, जमकर प्रदर्शन, रोकी गई मालगाड़ी

प्रेषित समय :20:27:50 PM / Sat, Apr 30th, 2022

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर-अनूपपुर रेलखंड में यात्री गाडिय़ों को अचानक बंद कर दिए जाने से छग के अलावा मध्य प्रदेश के बिजुरी और कोतमा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. अम्बिकापुर-जबलपुर, जबलपुर अम्बिकापुर के अलावा अम्बिकापुर मनेन्द्रगढ़ अनूपपुर पैसेंजर, चिरमिरी चंदिया पैसेंजर और चिरमिरी रीवा ट्रेन को अचानक बंद कर देने से दो राज्य के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसके विरोध में शनिवार को सरगुजा संभाग से लगे मध्य प्रदेश के बिजुरी स्टेशन में बड़ा आंदोलन हुआ. बिजुरी रेल संघर्ष समिति के इस आंदोलन को वहां के नगर वासियों का जबरदस्त समर्थन मिला.

आंदोलन के दौरान बिजुरी का पूरा बाजार बंद रहा. किशोर, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं इस आंदोलन में शामिल हुई. करीब तीन घंटे तक धरना प्रदर्शन और रेल रोको आंदोलन चलता रहा. आंदोलनकारियों ने इस दौरान दो माल गाडिय़ों को आधे घंटे तक रोक कर अपना विरोध जताया. संघर्ष समिति की ओर से रेलवे प्रबंधन को सौपे गए ज्ञापन में 15 दिनों के भीतर सरगुजा संभाग की ओर से चलने वाली सभी यात्री गाडिय़ों को दोबारा शुरू करने की मांग की गई है. प्रबंधन की ओर से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हो गया. संघर्ष समिति ने कहा है कि 15 दिनों के भीतर यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो 24 घंटे का वृहद आंदोलन बिजुरी स्टेशन में किया जाएगा.

बता दें कि सरगुजा से चलने वाली यात्री ट्रेन मध्य प्रदेश के बिजुरी और कोतमा होते हुए अनूपपुर पहुंचती हैं. इसके बाद ही आगे के सफर के लिए लोग दूसरी कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ते हैं. इस बीच चिरमिरी से चलने वाली ट्रेनों के बंद करने के साथ अम्बिकापुर से जबलपुर एक्सप्रेस को चार मई तक बंद कर दिया गया. एक साथ इन ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के यात्री परेशान हैं. गर्मी का अवकाश शुरू होने के साथ लोगों को विवाह समारोह में शामिल होने मध्य प्रदेश की ओर जाने कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं है. शाम को अम्बिकापुर से अनूपपुर जाने वाली मेमू ट्रेन को छोड़ इस रेलखंड में दूसरी ट्रेन नहीं है.इस समस्या को लेकर सरगुजा संभाग के जनप्रतिनिधि भी ज्यादा कुछ प्रयास नहीं कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी को छोड़ रेल संघर्ष समिति और दूसरे जनप्रतिनिधि मौन है.

बिजुरी रेल संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को बुलाए गए आंदोलन की व्यापकता से ऐसा लगा कि इस समस्या से हर कोई जुड़ा हुआ है और अपना समर्थन देने सामने आ रहा है. सुबह 10 बजे से बिजुरी स्टेशन में लोगों ने धरना शुरू कर दिया. हालांकि पुलिस और आरपीएफ की जबरदस्त घेराबंदी चारों ओर थी, इसके बावजूद लोग स्टेशन के भीतर घुस आए और रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दोपहर करीब एक बजे तक संघर्ष समिति का धरना प्रदर्शन चलता रहा.

इसी बीच आंदोलनकारियों ने स्टेशन में पहुंची दो मालगाडिय़ों को आधे घंटे तक वहां रोक कर अपना विरोध जताया. रेल प्रबंधन और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा और इसमें 15 दिनों के भीतर सरगुजा संभाग की ओर से चलने वाली सभी यात्री गाडिय़ों को दोबारा शुरू करने की मांग दोहराई है. समिति ने मांगों के पूरा न होने पर वृहद आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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