नई दिल्ली. देश में भीषण गर्मी और ताप विद्युत गृहों में कोयले की कमी के बीच, पीक आवर्स में बिजली की मांग 207,111 मेगावॉट के सबसे ऊंचे स्तर को छू गई. बिजली मंत्रालय ने ट्वीट किया कि शुक्रवार सुबह 14:50 बजे पूरे भारत में अधिकतम मांग 207111 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
इस साल गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद से ही बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. मंत्रालय ने कहा कि इस महीने 28 अप्रैल तक बिजली की मांग 12.1 प्रतिशत बढ़कर 204.653 गीगावॉट हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 182.559 गीगावॉट थी.
इस बीच दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि देशभर में कोयले का गंभीर संकट है और कई बिजली संयंत्रों में सिफज़् एक दिन का कोयला स्टॉक बचा है. चल रहे कोयला संकट पर जैन ने कहा कि बैकअप नहीं है. कोल बैकअप 21 दिनों से अधिक के लिए होना चाहिए, लेकिन कई बिजली संयंत्रों में एक दिन से भी कम का स्टॉक रह गया है.
हालांकि एनटीपीसी ने बाद में एक बयान जारी किया, जिसमें लिखा है कि दादरी की सभी छह इकाइयां और ऊंचाहार की पांच इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं और नियमित कोयला आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं. इस समय स्टॉक क्रमश: 140,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और आयात कोयले की आपूर्ति भी पाइपलाइन में है. बयान में कहा गया है कि इस समय, हम ऊंचाहार और दादरी स्टेशन ग्रिड को 100 प्रतिशत से अधिक रेटेड क्षमता की घोषणा कर रहे हैं. ऊंचाहार यूनिट 1 को छोड़कर उनकी सभी इकाइयां पूरे लोड पर चल रही हैं, जो वार्षिक नियोजित ओवरहाल के तहत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ताप विद्युत गृहों में कोयला पहुंचाने भारतीय रेलवे ने रद्द किए 24 मई तक पैसेंजर ट्रेनों के 670 फेरे
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