तीन दिवसीय यात्रा के पहले चरण में बर्लिन पहुंचे पीएम मोदी, जर्मन चांसलर के साथ करेंगे बैठक

तीन दिवसीय यात्रा के पहले चरण में बर्लिन पहुंचे पीएम मोदी, जर्मन चांसलर के साथ करेंगे बैठक

प्रेषित समय :13:50:03 PM / Mon, May 2nd, 2022

बर्लिन. रूस-यूक्रन संकट के बीच यूरोप के 3 देशों की 3 दिवसीय यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंच गए हैं. आज ही उनकी जर्मनी की चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ पहली मुलाकात होनी है. लेकिन मुलाकातों और संबंधों में घनिष्ठता का ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. जर्मन चांसलर शोल्ज़ अगले महीने होने वाली जी7 देशों की बैठक में पीएम मोदी को स्पेशल गेस्ट के तौर पर न्योता देने वाली हैं. यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के मकसद से इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

पीएम मोदी अपनी इस साल की पहली विदेश यात्रा के पहले चरण में सोमवार को बर्लिन पहुंच गए हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. कुछ ही देर में उनकी जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ बैठक होगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी दौरान शोल्ज़ पीएम मोदी को जी7 देशों की बैठक में शामिल होने का न्योता देंगी.

जी7 देशों में जर्मनी के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और कनाडा हैं. जर्मनी फिलहाल जी7 का अध्यक्ष है. रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अगले महीने 26 से 28 जून तक इसकी बैठक होनी है. जी7 की इस बैठक में भारत के अलावा इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और सेनेगल को भी इनवाइट करने का फैसला किया गया है.

मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि शोल्ज़ कुछ हफ्ते पहले तक जी7 की बैठक में भारत को न्योता देने को लेकर असमंजस में थीं. वजह ये थी कि भारत रूसी आक्रमण की सीधी आलोचना नहीं कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोटिंग के दौरान भी वह गैरहाजिर रहा. लेकिन विचार विमर्श के बाद शोल्ज़ ने रूस को अलग-थलग करने में भारत की संभावित भूमिका और उसकी बड़ी आबादी व लोकतांत्रिक मूल्यों को देखते हुए आमंत्रण का फैसला किया. शोल्ज़ को भारत से साथ जलवायु परिवर्तन और रक्षा से जुड़े मसलों पर भी संबंधों में नजदीकियां आने की उम्मीद है.

अधिकारियों के अनुसार जर्मन चांसलर शोल्ज़ आने वाले सालों में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाना चाहती हैं. यूरोपीय देशों की तरह आर्थिक प्रोत्साहन देना चाहती हैं. इधर, सोमवार को होने वाली बैठक में पीएम मोदी और चांसलर शोल्ज़ यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भारतीय पेशेवरों के लिए इमिग्रेशन के नियम आसान करने, जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन उत्सर्जन को घटाने और भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को तेज करने के उपायों पर विचार कर सकते हैं. जर्मनी आने वाले समय में भारत की रूस पर हथियारों के लिए निर्भरता में भी कमी लाने में मदद करने का इच्छुक है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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