पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश मेें पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव जून में हो सकते है, राज्य निर्वाचन आयोग की आज हुई बैठक के बाद आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए हम आज तैयार है, 12 जून तक एक चुनाव कराया जाएगा, दोनों चुनाव 30 जून तक कराए जाएगें. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है.
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव कराना आज की स्थिति में आसान है आरक्षण व परिसीमन दोनों है, पंचायत चुनाव में आरक्षण बाकी है, आज पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की है. उन्होने कहा कि हर हाल में जून में चुनाव होगें, चुनाव की तैयारियों के लिए कलेक्टरों को भी निर्देश दिए गए है. वहीं दूसरी ओर स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनैतिक सरगर्मी तेज हो गई है, पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट देगें, वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि 27 प्रतिशत क्या योग्यता रखने वाले ओबीसी कार्यकर्ताओं को 27 प्रतिशत से ज्यादा सीटो पर टिकट देगें. कांगे्रस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा व शिवराज सरकार दोनों ही आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाना चालते है, सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने मजबूती से पक्ष नहीं रखा है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया है, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि यदि भाजपा व शिवराज सरकार ओबीसी को आरक्षण देने की मंशा है तो विधानसभा का विशेष सत्र जल्द बुलाया जाए, यहां से संविधान में संशोधन के लिए प्रस्ताव के लिए भेजे, केन्द्र में भाजपा की सरका है, कांग्रेस ने मांग की है कि एमपी ही नहीं पूरे देश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाए, पिछड़े वर्ग को भी आरक्षण देने भाजपा सरकार संशोधन विधेयक लाए, ऐसा प्रावधान संशोधन करके किया जा सकता है.
सीएम शिवराजसिंह चौहान की विदेश यात्रा, बैठकें कैसिंल-
सीएम शिवराजसिंह चौहान ने 14 मई को अपनी विदेश यात्रा कैसिंल कर दी है, यात्रा को लेकर होने वाली बैठकें भी कैसिंल कर दी है, सीएम श्री चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एमपी में पंचायत व निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के लिए कराने का आदेश दिया है, हमारी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है, न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है, सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर करने का फैसला लिया है, 14 मई से एमपी में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश यात्रा तय थी लेकिन कोर्ट में पिछड़ा वर्ग का पक्ष रखना है, उनके हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है इसलिए यात्रा निरस्त की जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश की विद्युत स्थिति दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर: प्रद्युम्न सिंह तोमर
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