नई दिल्ली. चीनी टॉप मिलिट्री जनरलों का एक ऑडियो वायरल होने के बाद इस बात की संभावना जताई जा रही है कि चीन जल्द ही ताइवान पर हमला कर सकता है. ये ऑडियो चीन में पैदा हुई एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने जारी किया है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस ऑडियो क्लिप में चीन के टॉप मिलिट्री जनरल ताइवान में युद्ध को लेकर अपनी रणनीति बनाते हुए सुने जा सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार ये ऑडियो क्लिप 57 मिनट की है. इसमें चीन के टॉप वॉर जनरल चर्चा कर रहे हैं कि ताइवान में जंग कैसे छेड़ी जाए और किस तरह उसे आगे बढ़ाया जाए. इसमें चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जमीनी आक्रमण की योजना का जिक्र है. साइबर हमले और अंतरिक्ष में मौजूद हथियारों के इस्तेमाल की रणनीति बनाई गई है. इसके अलावा दुनिया भर की सरकारों और संस्थाओं में चीन ने अपने जो नागरिक घुसा रखे हैं, उन्हें एक्टिवेट करने की भी बात है.
एक्टिविस्ट जेनिफर झेंग ने ट्वीट में दावा किया है कि पहली बार चीनी जनरलों की टॉप सीक्रेट मीटिंग की रिकॉर्डिंग करके लीक किया गया है. इसके लिए एक लेफ्टिनेंट जनरल और तीन मेजर जनरलों को सजा-ए-मौत दी जा चुकी है. कई अन्य अधिकारी जेल भेज दिए गए हैं. ये ऑडियो चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में विद्रोह का सबसे बड़ा सबूत है.
दावा किया जा रहा है कि ये बैठक 14 मई को हुई थी. इसका ऑडियो पहली बार ल्यूड मीडिया ने लीक किया था. ल्यूड मीडिया का कहना है कि ये ऑडियो सीपीसी के एक बड़े अधिकारी ने लीक किया था, जो ताइवान को लेकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इरादों की पोल खोलना चाहता था. ऑडियो में हो रही बातचीत के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि उस बैठक में राजनीतिक नेतृत्व के अलावा ग्वांगडोंग के पार्टी सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, गवर्नर और वाइस गवर्नर भी मौजूद थे.
ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर नॉर्मल स्टेटस को वॉर स्टेटस में बदलने. मिलिट्री प्लानिंग और सेना की तैनाती पर चर्चा सुनी जा सकती है. इसमें ताइवान में तैनात स्वतंत्र सेनाओं को चुनौती देने और जरूरत पडऩे पर जंग छेडऩे का भी जिक्र है. ग्वांगडोंग प्रांतीय पार्टी कमिटी की स्थायी समिति की बैठक में नैशनल डिफेंस मोबिलाइजेशन कमांड सिस्टम बनाने, वॉर मैकेनिजम लागू करने और इन पर निगरानी का सिस्टम तैयार की रणनीति बनाई गई.
ये ऑडियो ऐसे समय सामने आया है, जब ताइवान में चीनी सेना की घुसपैठ पिछले कुछ समय में बहुत बढ़ गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार मई महीने में ही ताइवान के एयरस्पेस में चीन 68 मिलिट्री एयरक्राफ्ट भेज चुका है. इनमें 30 फाइटर जेट, 19 स्पॉटर प्लेन, 10 बॉम्बर और 9 हेलीकॉप्टर शामिल हैं. पिछले साल चीन ने 239 दिनों में 961 बार ताइवान की सीमा का अतिक्रमण किया था.
वहीं चीन के इरादों को देखते हुए ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल में नागरिकों के लिए 28 पेज की एक हैंडबुक जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि सैन्य संकट या आपदा के दौरान वो क्या करें, क्या न करें. हमले के समय मोबाइल ऐप के जरिए सुरक्षित जगह कैसे ढूंढें. हवाई हमले, आग लगने, इमारत ढहने, बिजली कटने और प्राकृतिक आपदाओं से किस तरह खुद को बचाएं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ताइवान में भूकंप का जोरदार झटका, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2, राजधानी ताइपे में भी महसूस हुआ कंपन
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