गांधीनगर. गुजरात सरकार ने आदिवासी किसानों को ज्यादा रियायती दरों पर बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. यह योजना पिछले एक दशक से लागू है. इसका उद्देश्य आदिवासी परिवारों की आय को दोगुना करना है. पिछले 7 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत लक्षित आदिवासी लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या है. बीते मंगलवार से सरकार ने खाद और बीज का किट बांटना शुरू किया है. अधिकारियों का कहना है कि एक किट की अनुमानित लागत 3,240 रुपये है, लेकिन योजना के तहत लाभार्थियों से सिर्फ 250 रुपये लिए जाते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर 14 जिलों के अधिकारियों और लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बात की. भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि साल 2012-13 में 2.1 लाख से अधिक लाभार्थियों के साथ इसे लागू किया गया था. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि पिछले साल से इस योजना के तहत जैविक खाद भी उपलब्ध कराई जा रही है.
गुजरात सरकार ने इस योजना के तहत आवेदन स्वीकार करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है. पिछले साल तक मैनुअल तौर पर आवेदन दिया जाता था. सीएम ने कहा कि इस साल 1.23 लाख आदिवासी किसानों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के समुद्र में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं हवाएं, मछुआरों के लिए जारी हुआ अलर्ट
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