पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में महापौर की तरह ही नगर पालिका अध्यक्ष को भी जनता द्वारा चुना जाए, इस मांग को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है. इस मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग की गई है जिससे चुनाव प्रक्रिया में बदलाव किया जा सके.
एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे ने राज्य सरकार के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें सिर्फ महापौर का चुनाव सीधे जनता से कराने का निर्णय लिया गया है, याचिका में मांग की गई है कि महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाए, मामले में जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है. डा. नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय इस मामले की पैरवी करेगें, उन्होने बताया कि पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने नगर पालिका नियम की धारा 9 में संशोधन कर नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया है, यहां तक के सरकार ने अध्यादेश जारी कर नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया है, याचिका में यह भी दलील दी गई है कि दोनों की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं है राज्य सरकार ने इस निर्णय में भेदभाव किया है. साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई है नगर निगम महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव एक ही प्रणाली से होना चाहिए, प्रदेश में 16 नगर निगम में महापौर जनता द्वारा चुने जाएगें, 99 नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षद करेगें याचिका में विधि एवं विधायी कार्य विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग को पक्षकार बनाया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को बताया देश का सबसे असफल नेता
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