आज का दिनः शुक्रवार 3 जून 2022, विघ्नों से मुक्ति चाहो तो विनायक को मनाओ...

आज का दिनः शुक्रवार 3 जून 2022, विघ्नों से मुक्ति चाहो तो विनायक को मनाओ...

प्रेषित समय :19:40:24 PM / Thu, Jun 2nd, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी पुकारते हैं क्योंकि भगवान श्रीगणेश से मनोकामना की पूर्ति के लिए आशीर्वाद को वरद कहते हैं. 
* वरद विनायक चतुर्थी करनेवाले श्रद्धालुओं को भगवान श्रीगणेश विघ्नमुक्त ज्ञान और धैर्य प्रदान करते हैं. 
* श्रीगणेश भक्तों के लिए वरद विनायक चतुर्थी व्रत-पूजा का विशेष महत्व है. 
* विनायक चतुर्थी के दिन प्रात:काल पवित्र स्नान कर, श्रीगणेश की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए और इसके बाद पूरी श्रद्धा-भक्ति से श्रीगणेश पूजा, आराधना और आरती करनी चाहिए.
* इस दिन श्रीगणेश को लड्डुअन का भोग लगाएं और यही प्रसाद स्वयं लें और यथाशक्ति सबको दें.
* श्रीगणेश विघ्नहर्ता हैं, इसलिए उनकी पूजा से जीवन के समस्त कार्य निर्विघ्र सम्पन्न होते हैं.
॥ आरती श्री गणपति जी ॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा,सेवा से सब विघ्न टरैं.
तीन लोक के सकल देवता,द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें,अरु आनन्द सों चमर करैं.
धूप-दीप अरु लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
गुड़ के मोदक भोग लगत हैं मूषक वाहन चढ्या सरैं.
सौम्य रूप को देख गणपति के विघ्न भाग जा दूर परैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थी दिन दोपारा दूर परैं.
लियो जन्म गणपति प्रभु जी दुर्गा मन आनन्द भरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का देव बंधु सब गान करैं.
श्री शंकर के आनंद उपज्या नाम सुन्यो सब विघ्न टरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
आनि विधाता बैठे आसन,इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं.
देख वेद ब्रह्मा जी जाकोविघ्न विनाशक नाम धरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
एकदन्त गजवदन विनायक त्रिनयन रूप अनूप धरैं.
पगथंभा सा उदर पुष्ट है देव चन्द्रमा हास्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
दे शराप श्री चन्द्रदेव को कलाहीन तत्काल करैं.
चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
उठि प्रभात जप करें ध्यान कोई ताके कारज सर्व सरैं
पूजा काल आरती गावैं ताके शिर यश छत्र फिरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥
गणपति की पूजा पहले करने से काम सभी निर्विघ्न सरैं.
सभी भक्त गणपति जी के हाथ जोड़कर स्तुति करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

-आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज इस अवधि के दौरान आप भागीदारी और सहयोग के कार्य अच्छी तरह से करेंगे, नौकरी में किए गए कार्य फलीभूत होंगे.

वृष राशि:- आज  नई सूचनाएं और संदेश आपकी महत्वाकांक्षाओं को नए पर लगा सकते हैं. यात्राओं की अधिकता के कारण स्वास्थ्य कुछ नरम रहेगा.

मिथुन राशि:- आज विदेश व निवेश संदर्भों में अचानक ही लाभ होगा. तमाम परेशानियों के बावजूद आपके मित्र आपका साथ देंगे. उदर विकार, कमर दर्द से प्रभावित रहेंगे.

कर्क राशि:- आज  इस समय आपको हर काम संयम से करना चाहिए. व्यवसाय में भी संघर्ष के बाद सफलता मिलेगी. धन लाभ व बचत के अच्छे योग है.

सिंह राशि:- आज आप स्वास्थ्य हानि व शारीरिक पीड़ा से ग्रस्त हो सकते हैं. स्थान परिवर्तन का भी योग है. धन खर्च और मानसिक उद्वेग हो सकते हैं.

कन्या राशि:- आज  धन की स्थिति कमजोर दिखाई देगी. इसे मजबूत बनाने का हर प्रयास बेकार होगा. माता पक्ष के किसी कार्यक्रम में बाधा उपस्थित होगी.

तुला राशि:- आज आपका समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक खुश मिजाज माहौल में बीतेगा, जो आपको नई ऊर्जा व स्फूर्ति से भर देगा.

वृश्चिक राशि:- आज आपको सामाजिक जीवन की जरूरत है, अपने पारिवारिक जीवन और व्यवसायिक जीवन में संतुलन बनाने की कोशिश करें.

धनु राशि:- आज किसी नई योजना पर विचारमग्न होंगे, आपको आलोचना और अपने शुभचिंतको के विरोध का सामना करना पड़ सकता है.

मकर राशि:- आज इस समय आपको कुछ यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं, जिसकी वहज से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है. कुछ लोग धार्मिक चर्चा में अपना समय व्यतीत करेंगे.

कुम्भ राशि:- आज आपकी स्वास्थ्य सम्बन्धी चिंताएं बढ़ सकती हैं. सहनशक्ति से काम लें और कार्यक्षेत्र में दूसरों के सामने अपने को असहज महसूस न होने दें.

मीन राशि:- आज  घर गृहस्थी का वातावरण अच्छा नहीं दिखाई देगा,ससुराल पक्ष का तनाव उपस्थित हो सकता है. आज आत्मबल के चलते समस्याओं पर विजय मिलेगी. सहोदरों से निराशा होगी.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- शुक्रवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर                    पहला- रोग
दूसरा- लाभ                  दूसरा- काल
तीसरा- अमृत              तीसरा- लाभ
चौथा- काल                  चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ                पांचवां- शुभ
छठा- रोग                   छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग               सातवां- चर
आठवां- चर                 आठवां- रोग

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

पंचांग 
शुक्रवार, 3 जून 2022
विनायक चतुर्थी
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते20
मास ज्येष्ठ
दिन काल13:51:57
तिथिचतुर्थी - 26:43:01 तक
नक्षत्रपुनर्वसु - 19:05:11 तक
करणवणिज - 13:31:41 तक, विष्टि - 26:43:01 तक
पक्षशुक्ल
योगवृद्धि - 27:32:37 तक
 सूर्योदय 05:23:14
सूर्यास्त19:15:12
चन्द्र राशि मिथुन - 12:20:34 तक
चन्द्रोदय 08:11:59
चन्द्रास्त 22:41:00
ऋतु ग्रीष्म
अभिजित मुहूर्त 11:41 ए एम से 12:35 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल पश्चिम
चन्द्र वास पश्चिम - 12:21 पी एम तक
उत्तर - 12:21 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पूर्व
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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मास अनुसार देवपूजन

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