पेयजल टैक्स वसूलने की तैयारी में बिहार सरकार, बनायी गई हैं पाँच श्रेणियां

पेयजल टैक्स वसूलने की तैयारी में बिहार सरकार, बनायी गई हैं पाँच श्रेणियां

प्रेषित समय :12:04:17 PM / Fri, Jun 10th, 2022

पटना. बिहार की नीतीश सरकार पानी पर टैक्स लगाने की तैयारी में है. अगले तीन महीनों में बिहार के सभी नगर निकायों में पेयजल टैक्स लगा दिया जाएगा. पेयजल टैक्स की वसूली पेयजल उपयोग शुल्क नीति 2021 के तहत की जाएगी. सभी नगर निकायों में 5 श्रेणियों में टैक्स की वसूली की जाएगी. सरकारी स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

जानकारी के अनुसार इसके लिए नगर विकास विभाग ने बिहार के सभी नगर निकायों को संकल्प पत्र भेज दिया है, जिसके तहत अब नगर विकास विभाग पेयजल उपयोग शुल्क नीति 2021 के तहत जल्द ही पेयजल टैक्स की वसूली शुरू करेगा. बिहार के सभी नगर निकायों में लगभग 1 करोड़ लोगों ने वाटर कनेक्शन ले रखा है. अब इन सभी से टैक्स वसूला जाएगा.

नगर विकास विभाग ने पेयजल पर टैक्स वसूलने का पूरा खाका तैयार कर लिया है. माना जा रहा है कि अगले 3 महीनो में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी. पानी के उपयोग पर टैक्स अप्रैल से ही देना होगा. पेयजल टैक्स की वसूली के लिए विभाग ने प्रॉपर्टी टैक्स को आधार बनाया है. वैसे लोग जिनके घरों में नल का कनेक्शन है और वे प्रॉपर्टी टैक्स देते हैं तो वैसे लोगों से ही पेयजल टैक्स वसूला जाएगा. अगर नल का कनेक्शन नहीं है और प्रॉपर्टी टैक्स देते हैं तो पानी का टैक्स नहीं वसूला जाएगा.

बताया जा रहा है कि जो लोग 1000 रुपये तक प्रॉपर्टी टैक्स देते हैं, उनसे हर महीने 40 रुपये और सालाना 480 रुपये तक पेयजल टैक्स वसूला जाएगा. 1001 रुपये से 2000 रुपये तक प्रॉपर्टी टैक्स देने वालों से 65 रुपये प्रति माह और 780 रुपये सालाना टैक्स लगेगा. वहीं 2001 रुपये से 3000 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स देने वालों से 120 रुपये मासिक और 1440 रुपये सालाना टैक्स वसूला जाएगा. 3001 रुपये से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स देने वालों से 150 प्रति महीना और 1800 रुपये सालाना पानी का टैक्स वसूला जाएगा.

सभी नगर निकायों में लगने वाला पानी पर टैक्स को 5 श्रेणियों में लागू किया जाएगा. पहली श्रेणी घरेलू उपयोग के लिए होगी. दूसरी श्रेणी में छोटे और बड़े औधोगिक इकाइयों को रखा गया है. तीसरी श्रेणी में व्यसायिक प्रतिष्ठानों जैसे होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, सर्विस स्टेशन, सिनेमा हॉल और छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को रखा गया है. चौथी श्रेणी में सरकारी संगठन होंगे. इनमें स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सरकारी कार्यालय, गेस्ट हाउस आदि होंगे. पांचवीं श्रेणी में गैर सरकारी संगठनों जैसे प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, अस्पताल, नर्सिंग होम आदि को रखा जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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