दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक अमनदीप सिंह गिल को प्रौद्योगिकी दूत नियुक्त किया है. इसका लक्ष्य है कि डिजिटल बदलाव को विकास का आधार कैसे बनाया जाए. प्रौद्योगिकी दूत बने गिल 2016 से 2018 तक जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि रहै हैं.
वे ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट पर आधारित अंतरराष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान सहयोगी परियोजना के सीईओ हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा यहां बयान में कहा गया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी पर विचारशील लीडर होने के साथ ही वे डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में सक्षम हैं. भविष्य की तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटलीकरण को आधार बनाया जा सकता है. अमनदीप सिंह गिल इससे पहले डिजिटल सहयोग पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च स्तरीय पैनल के कार्यकारी निदेशक और सह-प्रमुख थे.
अमनदीप सिंह गिल 1992 में भारत की राजनयिक सेवा में शामिल हुए. वे तेहरान और कोलंबो में भी विभिन्न क्षमताओं के साथ सेवाएं दे चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में प्रोद्योगिकी के रोल पर इनकी विशेषज्ञता है. वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजिटिंग स्कालर भी रहे हैं. उन्होंने परमाणु शिक्षा में पीएचडी की है. पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत संचार में प्रौद्योगिकी स्नातक हैं. उन्होंने जिनेवा विश्वविद्यालय से फ्रेंच इतिहास और भाषा में डिप्लोमा किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ प्रस्ताव नहीं हो पाया पारित, भारत ने वोटिंग से किया किनारा
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