जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक आया की क्रूरता से दो साल का मासूल बच्चा बीमार पड़ गया. यूं तो छोटे बच्चों की देखरेख करने वाली आया को मां का दर्जा दिया गया है, लेकिन जबलपुर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र के स्टार सिटी के घर में बच्चे की देखभाल करने के लिए रखी गई आया ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. जिस आया के भरोसे अपने दो साल के बेटे को छोड़कर उसके माता-पिता नौकरी करने चले जाते थे, वह आया उस मासूम को भूखा रखकर उसका खाना खुद खा जाती थी और तरह-तरह की यातनाएं देती थी.
आया द्वारा कभी नुकीली कंघी से पीटना, बाल पकड़कर टॉयलेट ले जाना और चुप रखने के लिए गला दबाने जैसी यातनाएं सह-सहकर मासूम बच्चा बीमार पड़ गया. माता-पिता ने घर में लगा सीसीटीवी कैमरा चैक किया तो उनके होश उड़ गए और मामला थाने पहुंचा. पुलिस ने हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज कर आरोपी आया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
माढ़ोताल थाना प्रभारी रीना पांडे ने बताया कि बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर मुकेश कुमार विश्वकर्मा ने सोमवार को शिकायत करते हुए बताया कि उनकी पत्नी जिला न्यायालय में नौकरी करती है. 2 साल का बेटा मानविक है. मुकेश के अनुसार उसके पिता लकवाग्रस्त हैं और बहन मानसिक रोगी. जिसकी देखभाल उसकी मां करती हैं.
मुकेश के अनुसार वह और पत्नी नौकरी करते हैं, इसलिए उन्होंने मानविक की देखरेख के लिए 1 साल पूर्व चमन नगर निवासी रजनी चौधरी को 5 हजार रुपए महीने पर आया बनाकर रखा था. मुकेश के अनुसार पछले एक महीने से मानविक उदास रहता था. ठीक से खाना भी नहीं खाता था, इसलिए वे लोग उसे डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने मानविक की आंतों में इन्फेक्शन फैलने की बात कही. डॉक्टर ने ऐसी बीमारी की वजह गुटखा-तंबाखू और झूठा भोजन खाना बताया.
मुकेश विश्वकर्मा ने बताया कि पिछले एक महीने से उसकी मां पिता और बहन को लेकर गोटेगांव चली गई थीं. डॉक्टर के पास से लौटने पर उन्होंने घर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चैक किए तो रजनी की सारी हरकतें उजागर हो गईं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रीजनल पीएफ कमिश्रर को भेजा गया जेल, 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते जबलपुर-सागर ईओडब्ल्यू की टीम ने पकड़ा
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