एमपी हाईकोर्ट का पुलिस भर्ती मामले में अह्म फैसला: आरक्षित वर्ग के एसएएफ जवानों को दी जाए पसंद की ज्वाइनिंग

एमपी हाईकोर्ट का पुलिस भर्ती मामले में अह्म फैसला: आरक्षित वर्ग के एसएएफ जवानों को दी जाए पसंद की ज्वाइनिंग

प्रेषित समय :19:10:07 PM / Tue, Jun 21st, 2022

पलपल संवाददाता, जबलपुर. पुलिस भर्ती 2016 के मामले में एमपी हाईकोर्ट का अह्म फैसला आया है, जिसमें आरक्षित वर्ग के मैरिटोरियस छात्रों को उनकी पंसद के हिसाब ज्वाइनिंग कराने के आदेश दिए है. मेरीटोरियस छात्रों को च्वाइस  फिलिंग के बाद भी एसएएफ में पदास्थाना कर दी गई थी, अब हाईकोर्ट ने आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के आरक्षकों को उनकी पसंद के अनुसार डीजीपी-एडीजी प्रशासनिक को दो महीने के अंदर ज्वाइन कराने के आदेश दिए है.

                                वर्ष 2016 की पुलिस भर्ती में एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी मैरिट में आने के बाद भी उनका चयन अनारक्षित ओपन वर्ग में किया गया, अभ्यर्थियों को उनकी पसंद की च्वाइस फिलिंग के आधार पर पोस्टिंग न दी जाकर उन सभी आरक्षित वर्ग के जो अनारक्षित वर्ग चयनित हुए थे, उन सभी को प्रदेश की समस्य एसएएफ बटालियन में पदस्थापना दे दी, वहीं उनसे कम मैरिट वाले अभ्यर्थियों को जिला पुलिस बल, स्पेशल ब्रांच, क्राइम ब्रांच आदि शाखाओं में पदस्थापना दी गई. मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने आरक्षित वर्ग के आरक्षकों की ओर से एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी प्रारम्भिक सुनवाई माननीय न्यायाधीश मनिन्दर भट्टी की बैंच द्वारा की गई, अधिवक्ता श्री ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि पुलिस पुलिस विभाग द्वारा साल 2016 की भर्ती में अपनाई गई, जो सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश व फैसलों से असंगत है. सुप्रीम कोर्ट के 9 जजो की बैंच द्वारा इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ एवम भारत संघ बनाम रमेश राम,ए रीतेश आर शाह जैसे दर्जनों फैसलो से कोर्ट को अवगत कराया गया. साथ ही कोर्ट को बताया गया की आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थी को अपनी पसंद के पद पर ज्वाइनिंग का विधिक अधिकार है. इसी आधार पर याचिकाकर्ताओ ने अपनी पहली पसंद की वरीयता में जिला पुलिस बल, स्पेशल ब्रांच आदि में  थी. फिर भी पुलिस विभाग ने मनमाने तरीके से पदस्थापना कर दी, जबकि याचिका कर्ताओ से कम अंक हासिल करने वालों को महवपूर्ण शाखाओ में पदस्थापना दे दी गई. जबकि याचिकाकर्ताओ को उनकी केटेगिरी में उनकी पसंद के आधार पर पदस्थापना की जाना चाहिए थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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