सुप्रीम कोर्ट से आल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को सशर्त अंतरिम जमानत, पत्रकार रोहित रंजन को भी राहत

सुप्रीम कोर्ट से आल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को सशर्त अंतरिम जमानत, पत्रकार रोहित रंजन को भी राहत

प्रेषित समय :15:25:57 PM / Fri, Jul 8th, 2022

नई दिल्ली. ऑल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है. ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को उनके खिलाफ सीतापुर, उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी है. साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर यूपी पुलिस को नोटिस भी जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को 5 दिनों के लिए अंतरिम ज़मानत इस शर्त पर दी कि वे मामले से संबंधित मुद्दे पर कोई नया ट्वीट पोस्ट नहीं करेंगे और सीतापुर मजिस्ट्रेट की अदालत के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे.

सुप्रीम कोर्ट से टीवी एंकर रोहित रंजन को राहत

वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने ञ्जङ्क न्यूज एंकर रोहित रंजन को भी राहत दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को गलत संदर्भ में चलाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकी के संबंध में संबंधित अधिकारियों को उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने और गलत वीडियो चलाने के मामले में 1 एफआईआर छत्तीसगढ़ में भी दर्ज थी. जब छत्तीसगढ़ पुलिस गिरफ्तार करने के लिए गाजियाबाद पहुंची तो नोएडा पुलिस ने रंजन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया. इसके बाद इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करना चाहा लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे.

वहीं, दूसरी ओर ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए दावा किया था कि उनकी जान को खतरा है. मोहम्मद जुबैर ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की भी गुहार लगाई. उन्हें 17 जून को दिल्ली पुलिस ने हिंदूफोबिया ट्वीट और हिंदू संतों का अपमान करने और विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया था.

पिछली सुनवाई में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंच ने जुबैर की याचिका स्वीकार करते हुए शुक्रवार का दिन तय किया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा हिंदू संतों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली उनकी रिट याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

यह मामला महंत बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद और स्वामी आनंद स्वरूप के खिलाफ किए गए एक ट्वीट से जुड़ा है. जुबैर पहले से ही दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में न्यायिक हिरासत में है, जिसने उस पर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए मामला दर्ज किया है. यह मामला 2018 में उनके द्वारा किए गए एक ट्वीट पर आधारित था. इस ट्वीट में 1980 के दशक की एक फिल्म - किसी से ना कहना का स्क्रीनशॉट शेयर किया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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