दिल्ली. श्रीलंका में जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं देश छोड़कर भागे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सिंगापुर से राजपक्षे ने संसदीय अध्यक्ष को मेल के जरिये अपना इस्तीफा भेज दिया है. आपको बता दें कि इस वक्त राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर पहुंच गए हैं.
वहीं श्रीलंका के हालात बेकाबू हो गए हैं. उग्र लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा कर लिया है. इस बीच श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, ट्राई फोर्स कमांडरों और आईजीपी की एक समिति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि समिति को राजनेताओं के हस्तक्षेप के बिना कार्य करने का पूरा अधिकार दिया जाएगा.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पश्चिमी प्रांत में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगाने और पूरे द्वीप देश में आपातकालीन कानून लागू करने का आदेश दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी.
प्रधानमंत्री ने सुरक्षाबलों को दंगा भड़काने वाले लोगों और उनके द्वारा यात्रा की जा रही लॉरियों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया है. गाले फेस ग्रीन के मुख्य विरोध स्थल से 20 मिनट की पैदल दूरी पर हजारों प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी कोलंबो में फ्लावर रोड पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर जबरदस्ती घुस गए.
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