नजरिया. राष्ट्रपति चुनाव में मोदी टीम ने आदिवासी उम्मीदवार उतार कर जो सियासी ढाल तैयार की है, उस पर व्यंग्यबाण चलाते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा है कि- इतनी ही फिक्र है तो आदिवासी को ही प्रधानमंत्री बना दें?
खबर है कि सिन्हा ने सांसदों और विधायकों से अपील की है कि- जाति के आधार पर किसी का समर्थन नहीं हो, अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करें!
यशवंत सिन्हा का कहना है कि- राष्ट्रपति पद हमारे संविधान में इकलौता पद है, जिसका चुनाव पूरे देश के स्तर पर लड़ा जाता है, लेकिन इस बार इस चुनाव ने ऐसे अभियान का रूप ले लिया है, जहां लड़ाई पहचान की नहीं बल्कि विचारधारा की हो गयी है, जो लोग आदिवासी पहचान, हित और सम्मान की बात कर रहे हैं, वह क्यों नहीं आदिवासी को प्रधानमंत्री बना देते?
उनका तो यह भी कहना है कि एक तरफ हमलोग लोकतंत्र को बचाने के लिए खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर खड़े लोग लोकतंत्र को खत्म करने पर तुले हैं.
याद रहे, पल-पल इंडिया (15/7/2022) मोदीजी! सजावटी सम्मान नहीं, असली अधिकार दें? में कहा था कि.... क्या मोदी टीम 2024 के लिए किसी दलित-आदिवासी को पीएम फेस बनाएगी?
https://palpalindia.com/2022/07/15/delhi-modi-show-respect-Presidential-candidate-for-kirodilal-meena-MLA-Om-Prakash-Hudla-news-in-hindi.html
ANI_HindiNews @AHindinews Jul 13
यशवंत सिन्हा बहुत अच्छे प्रत्याशी हैं. द्रौपदी मुर्मू का स्वभाव भी बहुत शालीन है, लेकिन वे भारत की 'ईविल फिलॉसफी' (बुराई की विचारधारा) का प्रतिनिधित्व करती हैं, हमें द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी प्रतीक नहीं बनाना चाहिए: कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार
https://twitter.com/i/status/1547078159174344704
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