रायपुर. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार अब गोमूत्र की भी खरीदेगी. गोमूत्र खरीदी की शुरूआत प्रदेश के प्रमुख त्योहार हरेली के दिन से की जाएगी. इस साल 28 जुलाई को हरेली त्योहार मनाया जाएगा. उसी दिन से गोधन न्याय योजना के तहत गोमूत्र की खरीदी की जाएगी. इसको लेकर सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. 28 जुलाई 2022 से उस पर क्रियान्यवयन शुरू हो जाएगा.
जानकारी के अनुसार शुरुआती दौर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर जिले के 2 स्वावलंबी गोठानों में गौ-मूत्र की खरीदी होगी. गोठान प्रबंध समितियां सीधे पशुपालकों से गो-मूत्र खरीदेंगी. इसको लेकर स्थानीय स्तर पर कीमत भी तय कर सकती हैं. हालांकि कृषि विकास कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गो-मूत्र खरीदने न्यूनतम 4 रुपये प्रति लीटर कीमत तय की गई है. बताया जा रहा है कि खरीदे गए गो-मूत्र से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे.
गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ अय्याज तम्बोली ने बीते सोमवार को सभी कलेक्टरों को गोठानों में गो-मूत्र की खरीदी को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. इस योजना के तहत गो-मूत्र की खरीदी गोठान प्रबंधन समिति स्वयं के बैंक खातों में उपलब्ध गोधन न्याय योजना अंतर्गत प्राप्त राशि, चक्रीय निधि ब्याज की राशि से करेंगी. कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में 2 गोठान समितियों का चयन करने का निर्देश दे दिया गया है.
गौरतलब है कि 2 साल पहले 20 मई 2020 को छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्योहार के दिन से ही गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. इस योजना को छत्तीसगढ़ के विकास के मॉडल के रूप में प्रचारित भी किया जा रहा है. इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए अब गोमूत्र की भी खरीदी की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री बघेल का केंद्र सरकार पर हमला, कहा- महाराष्ट्र में अब ईडी-सीबीआई के छापे नहीं पड़ेंगे
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