दिल्ली. नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग-तिरु इलाके में 2021 के सैन्य अभियान के अंतर्गत 13 नागरिकों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 21-पैरा स्पेशल फोर्स के एक मेजर सहित 30 सैनिकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे पर रोक लगा दी है.
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) की धारा छह के तहत जरूरी पूर्व-मंजूरी नहीं ली गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नामजद सैन्य अधिकारियों की पत्नियों की ओर से दायर दो याचिकाओं पर केंद्र, नागालैंड सरकार और अन्य को नोटिस जारी किये.
याचिकाओं में नागालैंड पुलिस की ओर से दायर प्राथमिकी तथा राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल के निष्कर्षों को निरस्त करने की मांग की गयी थी. नागालैंड पुलिस ने इस मामले में 21-पैरा स्पेशल फोर्स के कम से कम 30 सदस्यों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किये थे, जिसमें सैनिकों के खिलाफ हत्या और गैर-इरादतन हत्या के आरोप लगाये थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुप्रीम कोर्ट से नूपुर शर्मा को मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक, 10 अगस्त को अगली सुनवाई
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