नई दिल्ली. सोमवार 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को बिना समय गंवाए कोविड-19 मृतकों के परिजनों को मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा कि अगर किसी दावेदार को मुआवजा राशि का भुगतान न किए जाने या फिर उनका दावा ठुकराए जाने के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकते हैं.
पीठ ने शिकायत निवारण समिति को दावेदारों के आवेदन पर चार सप्ताह के भीतर फैसला लेने का निर्देश भी जारी किया है. आंध्र प्रदेश सरकार पर राज्य एसडीआरएफ के खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में रुपए ट्रांसफर करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर पीठ ने संबंधित रुपए को दो दिनों के भीतर एसडीआरएफ खाते में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. पीठ ने कहा है कि हम सभी राज्यों को हमारे पूर्व के आदेश के तहत एलिजिबल लोगों को बिना देरी किए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए याचिका पर सुनवाई पूरी करते हैं. अगर किसी दावेदार को कोई शिकायत है तो वह संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकता है.
शीर्ष अदालत ने इससे पहले आंध्र सरकार को एसडीआरएफ से व्यक्तिगत जमा खातों में रुपए ट्रांसफर करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया था. न्यायालय ने राज्य सरकार पर रुपए ट्रांसफर करने पर रोक लगाते हुए उसे इस संबंध में एक नोटिस भी जारी किया था. याचिकाकर्ता पल्ला श्रीनिवास राव की तरफ से पेश अधिवक्ता गौरव बंसल ने तर्क दिया था कि आंध्र सरकार ने एसडीआरएफ खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में रुपए ट्रांसफर किया है. जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत वैध नहीं है. बंसल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 46(2) के तहत निर्धारित कार्यों से अलग कामों के लिए एसडीआरएफ के रुपए का अवैध रूप से इस्तेमाल कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-2030 तक नहीं हो सकती मुंंबई बम धमाकों के गुनहगार अबू सलेम की रिहाई: सुप्रीम कोर्ट
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