कोलकाता. पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में स्पेशल कोर्ट ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को 10 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है. दोनों 3 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे.
स्पेशल कोर्ट ने पाथज़् चटजीज़् और अर्पिता मुखर्जी दोनों को 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में रखने का आदेश दिया है. साथ ही हर 48 घंटे के बाद पार्थ चटर्जी का मेडिकल चेकअप करने का भी आदेश दिया गया है. सोमवार को विशेष अदालत में मामले की सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी को 14 दिनों की हिरासत में भेजने की मांग की, जबकि अर्पिता मुखर्जी के लिए अर्पिता मुखर्जी के लिए 13 दिन की हिरासत मांगी गई थी.
गौरतलब है कि भुवनेश्वर एम्स ने मंत्री पार्थ चटर्जी को फिट करार दिया है. सोमवार को पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर ले जाया गया था. वहां उनके स्वास्थ्य की जांच हुई. उसके बाद एम्स ने उन्हें पूरी तरह से फिट करार दिया है. उसकी रिपोर्ट ईडी ने कोर्ट में पेश की और कहा कि मंत्री अपने प्रभावशाली होने का लाभ उठा रहे हैं.
पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उन्हें दो दिनों की हिरासत में भेजा गया था. उसके बाद एम्स में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया था. पार्थ चटर्जी के वकील ने ईडी की 14 दिनों की हिरासत की मांग का विरोध किया.
ईडी के वकील का कहना है कि यह एक गंभीर घोटाला है और कई पात्र उम्मीदवारों को इससे वंचित किया गया है. ईडी ने तलाशी ली. शिक्षा मंत्री और करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये मिले हैं. संयुक्त रूप से रूप से जमीन खरीदी गई है. इससे साबित होता है कि उनके बीच किसी तरह का रिश्ता था. पार्थ चटर्जी के आवास से दस्तावेज बरामद किए गए. आपत्तिजनक प्रकृति के कई उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र बरामद किए गए.
पार्थ चटर्जी की एक वीडियो रिकॉर्डिग भी कोर्ट में पेश की गई, जहां वह एम्स जाने के लिए अनिच्छुक थे. ईडी के वकील ने कहा कि पार्थ चटर्जी को 15 साल से मधुमेह है. शुगर लेवल कंट्रोल में है. कोई सक्रिय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. सामान्य उपचार जारी रह सकता है. वह बीमारी का बहाना बना रहे थे. उन्होंने पश्चिम बंगाल के अस्पताल में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश की. ऐसी कोई बीमारी नहीं है. पार्थ चटर्जी ने पद का फायदा उठाकर व्यवस्था का मखौल उड़ाया है. घोटाले की भयावह है. प्रभावशाली अभियुक्तों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की बड़ी कार्यवाही, मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार
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