ज्योतिष शास्त्र में कुंडली लग्न के अनुसार मारक ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली लग्न के अनुसार मारक ग्रह

प्रेषित समय :20:18:07 PM / Wed, Jul 27th, 2022

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के छठे भाव को रोग का भाव माना गया है एवं इसके अधिपति ग्रह जिसे 'षष्ठेश' कहा जाता है, रोग का अधिपति ग्रह माना गया है. यदि किसी जातक पर 'षष्ठेश' की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो वह निश्चित ही किसी ना किसी रोग से पीड़ित होगा. जन्मपत्रिका में 'षष्ठेश' रोग का पक्का कारक होता है. अत: यदि कोई जातक जन्मपत्रिका के अनुसार 'षष्ठेश' की महादशा या अंतर्दशा भोग रहा है तो वह अवश्य ही रोग से पीड़ित हो जाएगा. यदि 'षष्ठेश' जन्मपत्रिका के किसी शुभ या लाभ भाव में स्थित हो तो ऐसे में रोगग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसा जातक शीघ्र ही रोग से मुक्त नहीं होता.

अब जानते है 12 लग्नानुसार 'मारकेश' व 'षष्ठेश' कौन से ग्रह होते हैं जिनकी महादशा, अंतर्दशा व प्रत्यंतर दशा में व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति अत्यंत सावधान रहना चाहिए.
जन्म लग्न से तृतीय  और अष्टम स्थान  आयु कम माना जाता है तथा द्वितीय व सप्तम स्थान को मारक स्थान कहा जाता है. कभीकभी षष्ठेश  व्ययेश एवं अष्टमेश की दशा अन्तर्दशा भी मारक हो जाती है.परस्पर षष्ठेश  एवं अष्टमेश की दशा अन्तर्दशाएं तथा मारक की अन्तर्द्शा शुभ नहीं होतीहै. पापग्रहों की दशायें भी अनिष्टकारक हो जाती हैं.

1. मेष लग्न- मेष लग्न के जातकों के लिए शुक्र व मंगल 'मारकेश' एवं बुध 'षष्ठेश' होता है.
2. वृषभ लग्न- वृषभ लग्न के जातकों के लिए बुध व मंगल 'मारकेश' एवं शुक्र 'षष्ठेश' होता है.
3. मिथुन लग्न- मिथुन लग्न के जातकों के लिए चंद्र व गुरु 'मारकेश' एवं मंगल 'षष्ठेश' होता है.
4. कर्क लग्न- कर्क लग्न के जातकों के लिए सूर्य व शनि 'मारकेश' एवं गुरु 'षष्ठेश' होता है.
5. सिंह लग्न- सिंह लग्न के जातकों के लिए बुध व शनि 'मारकेश' एवं शनि 'षष्ठेश' होता है.
6. कन्या लग्न- कन्या लग्न के जातकों के लिए शुक्र व गुरु 'मारकेश' एवं शनि 'षष्ठेश' होता है.
7. तुला लग्न- तुला लग्न के जातकों के लिए मंगल 'मारकेश' एवं गुरु 'षष्ठेश' होता है.
8. वृश्चिक लग्न- वृश्चिक लग्न के जातकों के लिए गुरु व शुक्र 'मारकेश' एवं मंगल 'षष्ठेश' होता है.
9. धनु लग्न- धनु लग्न जातकों के लिए शनि व बुध 'मारकेश' एवं शुक्र 'षष्ठेश' होता है.
10. मकर लग्न- मकर लग्न के जातकों के लिए शनि व चंद्र 'मारकेश' एवं बुध 'षष्ठेश' होता है.
11. कुंभ लग्न- कुंभ लग्न के जातकों के लिए गुरु व सूर्य 'मारकेश' एवं चंद्र 'षष्ठेश' होता है.
12. मीन लग्न- मीन लग्न जातकों के लिए मंगल व बुध 'मारकेश' एवं सूर्य 'षष्ठेश' होता है.

Astrologer Govinda Avasthi
ज्योतिषीय उपाय (ग्रह और आप )

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

कुंडली के अनुसार महीने में करें अपने चंद्र और शुक्र को मजबूत

कुंडली में पितृ दोष का सबसे बड़ा कारण

आपकी कुंडली में कौन-सा ग्रह है बलवान?

ज्योतिष के अनुसार कुंडली को देखकर जानें वैवाहिक जीवन में तलाक होगा या कोम्प्रोमाईज़!

कुंडली के 5 सबसे शुभ योग, जिनसे आते हैं धन, यश और सफलता खुद चलकर

कुंडली में दो ग्रहों की युति का आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है!

Leave a Reply