जबलपुर न्यू लाइफ स्पेशलिटी अस्पताल अग्रि हादसा, कैसे दे दी नगर निगम के अधिकारियों ने फायर सेफ्टी सिस्टम एनओसी..!

जबलपुर न्यू लाइफ स्पेशलिटी अस्पताल अग्नि हादसा, कैसे दे दी नगर निगम के अधिकारियों ने फायर सेफ्टी सिस्टम एनओसी..!

प्रेषित समय :16:37:20 PM / Tue, Aug 2nd, 2022

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में हुए अग्नि हादसे में हुई 8 मौत के बाद कई सवाल उठने लगे है, अस्पताल का एक ही एन्ट्रेस था, फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं था, तीनों ओर बिल्डिंग थी, कोई खिड़की तक नहीं थी, इसके बाद भी अस्पताल को नगर निगम के अग्रिशमन विभाग द्वारा एनओसी दे दी गई, आखिर अस्पताल को एनओसी देने के पहले क्या अग्रिशमन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच नहीं की थी, इन सारी बातों को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है, जो अब प्रशासन के लिए जांच का विषय बन गई है.

बताया जाता है कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में फायर सेफ्टी के ऐसे कोई भी इंतजाम नहीं थे, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके, इसके बाद भी नगर निगम ने मार्च 2021 में एनओसी दे दी गई, जिसकी वैध्यता मार्च 2022 में समाप्त हो चुकी थी, यदि नगर निगम के अधिकारी फायर एनओसी देने के पहले अस्पताल पहुंचकर जांच करते तो वास्तविकता सामने आ जाती और इतना बड़ा हादसा नहीं हो पाता, अब इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि कहीं न कहीं नगर निगम के वे अधिकारी भी दोषी है जिन्होने फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच किए बिना ही एनओसी दे दी, जबकि न्यू लाइफ स्पेशलिटी अस्पताल ने किसी भी मानक को पूरा नहीं किया था, इसके बाद मुख्य स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी ने भी मान्यता दे दी, फायर सेफ्टी सिस्टम के कोई इंतजाम नहीं किए गए इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने एनओसी जारी कर दी, अस्पताल का एक ही गेट था, जहां से मरीज, उनके परिजन, डाक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ आता था, यहां पर रखे जनरेटर से निकली चिंगारी से भड़की आग ने पूरे अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया, खासबात तो यह है कि मरीज, उनके परिजन, स्टाफ नर्स व अन्य कर्मचारी दूसरी मंजिल पर अपनी जान बचाने के लिए पहुंचे लेकिन तीसरे मंजिल की छत पर नहीं पहुंच गए, क्योंकि वहां पर जाने वाली सीढिय़ों के पास ही आक्सीजन पाईप लगी थी, जिसके चलते यहां पर भी आग लग गई थी और लोग तीसरे मंजिल की छत पर भी नहीं पहुंच पाए, जिससे इतनी बड़ी घटना हो गई. दो महीने पहले 17 मई 2022 को राज्य सरकार ने सभी नगर निगमों व नगर पालिकाओं को अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट करने के संबंध में रिमाइंडर भेजा था, बावजूद निगम अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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