पटना/नालंदा. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. नालंदा के अपने पैतृक गांव मुस्तफापुर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह ऐलान किया है. इससे पहले उन्होंने एक सादे कागज पर एक लाइन में अपनी बात लिखकर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपना इस्तीफा भेज दिया है. उनसे खरीदी गई संपत्तियों को लेकर जदयू ने जवाब मांगा था. वो पहले से ही पार्टी से नाराज चल रहे थे. आज सामने आई शोकॉज की खबर ने आग में घी का काम किया है.
आज (शनिवार 6 अगस्त) देर शाम मुस्तफापुर में उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है. कहा है कि जदयू डूबता हुआ जहाज है. इसमें अब बचा क्या है? मैंने अपने सहयोगियों से कह दिया है कि जहां काम कर सकें, वहां चले जाएं. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को टार्गेट करते हुए यह भी कहा कि वो सात जन्मों तक प्रधानमंत्री नहीं बन सकते.
यह है पूरा मामला
जदयू की कार्रवाई का आधार उनकी और उनके घर वालों की हाल की संपत्ति है. दिलचस्प यह है कि इस संपत्ति का ब्योरा जदयू के ही नेताओं ने जुटाया है. इसके अनुसार, आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी है. कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात भी कही गई है. पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ माना है. अपने ही पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल-जवाब करने वाली जदयू हालिया वर्षों में संभवत: देश की पहली पार्टी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार के वैशाली में लाइन होटल में ट्रक घुसा, 4 की मौत, 12 से अधिक घायल
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