दिल्ली. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सरकार ने अग्निपथ योजना लाई तो कहा कि सैनिकों की पेंशन का बोझ कम करने के लिए किया जा रहा है, आजादी से अब तक तो ऐसा नहीं हुआ कि सैनिकों को पेंशन देने का पैसा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बार आठवां वेतन आयोग बनना था, केंद्र सरकार ने मना कर दिया, अपने कर्मचारियों को देने का भी पैसा नहीं है? गरीब लोगों को मनरेगा के तहत मजदूरी देती थी, उसमें भी 25 प्रतिशत की कमी कर दी गई, अब कह रहे हैं कि पैसा नहीं है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पहले राज्यों को 42 प्रतिशत का हिस्सा मिलता था, अब घटकर 39 प्रतिशत कर दिया है. वहीं आजादी के बाद से गेहूं, चावल पर टैक्स नहीं लगता था, लेकिन इन्होंने गरीब से गरीब के खाने पीने के चीजों पर टैक्स लगा दिया, जब पेट्रोलियम पर सालाना हजारों करोड़ों टैक्स केंद्र सरकार वसूलती है. ये सब करना क्यों जरूरी हो गया? कहां गया पैसा? ऐसे में सरकारी स्कूलों में फीस ली जाएगी, सरकारी अस्पतालों में बिना पैसों के लिए इलाज नहीं होगा, कहां जाएगा गरीब आदमी, अब ये फ्री का राशन भी बंद करने के लिए कह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली सरकार है जो इतने घाटे में हैं. ऐसे में साल 2014 में 20 लाख करोड़ का बजट था अब 40 लाख करोड़ का बजट है. इतना सारा पैसा इन लोगों के अमीर दोस्तों का 10 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर दिया, उनका 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स माफ कर दिया और आम आदमी के खाने पीने के चीजों पर टैक्स लगा दिया है. उन्होंने कहा कि आज आम आदमी ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है, देश कैसे चलेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अरविंद केजरीवाल का बड़ा दावा: गुजरात में भाजपा और आप में होगा मुकाबला, कांग्रेस हो जाएगी खत्म
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