जयपुर. राजस्थान में इन दिनो मानसून की विशेष मेहरबानी हैं और लगभग सारा प्रदेश तरबतर हो रहा हैं. एक और मानसून की कृपा से कई बांध छलक रहे हैं तो दूसरी और रिहायशी इलाको में भी बरसाती पानी की समस्या से जन जीवन अस्तव्यस्त हैं. बरसात के चलते सारी गतिविधियां व कार्यक्रम अस्तव्यस्त हैं तो कई आयोजन को पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्मिक जुटे हुए हैं. बरसात से राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलकूद भी प्रभावित हुए हैं और इन आयोजनों को दो माह के लिये स्थगित करने की मांग उठ रही हैं.
राज्य सरकार ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने व हर आयु वर्ग के लोगों को इससे जोड़ने के लिये राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलकूद की महत्वपूर्ण योजना को इस बार क्रियान्वित किया हैं परन्तु योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत में ही क्रियान्वयन की प्रमुख इकाई ग्राम पंचायतों के सचिव आंदोलन पर उतर गये और खेल विभाग व पंचायत से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी इस आयोजन से दूरी बना ली. खेलकूद में भाग लेने के लिये पंजीयन का काम पूर्व में सम्पन्न हो गया परन्तु आयोजन को लेकर एक बार फिर परम्परागत ढंग से शिक्षा विभाग के सर आयोजन की जिम्मेदारी डाल कर नियमित शिक्षण व शिक्षा से जुड़े आयोजन को एक तरफ कर खेलकूद पूरा करवाने आदेश व निर्देश जारी हो गये.
हालत यह हैं कि आए दिन इससे जुड़े नये नये निर्देश जारी हो रहे हैं. पंजीयन में बिना जानकारी नामों के जुड़ जाने की समस्या अपनी जगह रही तो दूसरी और स्कूली प्रधानाचार्य को नियमानुसार आयोजन करने व अभ्यास व मैचो की फोटो तक रोजाना अपलोड करने निर्देश दे दिये गयें. प्रदेश इन दिनो बरसात से भीग रहा हैं तो अभ्यास व मैच आयोजन करवाने व फोटो खिचने की व्यवस्था कैसे करे यह समस्या आयोजन समिति के सदस्यों पर भारी पड रही हैं. आयोजन समिति में सरपंच संयोजक हैं तो स्कूली प्रधानाचार्य, पटवारी, पीटीआई व ग्राम सचिव सदस्य हैं. ग्राम सचिव के हड़ताल पर रहने से चार सदस्यों के बूते कामकाज के संचालन की व्यवस्था हैं. सारी जिम्मेदारी के काम व स्कूली प्रधानाचार्य के ऊपर डालकर व्यवस्था करने पाबंद किया जा रहा हैं.
हालत यह हैं कि अचानक व्यवस्था शिक्षा विभाग पर डालने के बाद समयाभाव में सारी व्यवस्था अस्तव्यस्त हो रही हैं. टीमों गठन एक दिन में करने के निर्देश के चलते कई पंचायतों में सभी पंजीकृत खिलाडियो से बिना सम्पर्क किये टीमो का गठन कर दिया गया जबकि हर पंचायत में पंजीकृत खिलाडियो व भाग लेने के इच्छुक खिलाड़ियों की संख्या में काफी अंतर हैं. बिना जानकारी दूसरो के द्वारा पंजीकरण करवा देने, फर्जी पंजीकरण और संख्या बताने किये गये पंजीकरण के चलते कई पंचायतो में काफी मशक्कत करनी पडी हैं. होना तो यह था कि पंजीकृत खिलाडियो से सम्पर्क कर एक ही गांव में अधिक संख्या होने पर हर खेल की टीम बनती और उनके मैच की व्यवस्था के बाद ब्लाक प्रतिनिधित्व का निर्णय होता परन्तु सभी पंजीकृत खिलाड़ियों की टीम बनाने के बाद मैच के दिन खिलाड़ियों के नहीं पहुंचने पर जो समस्या खड़ी होगी उसका समाधान संभव नहीं होगा व पंचायत की बेस्ट टीम बनाने की सम्भावना भी पूरी नही हो पायेगी. विभिन्न समस्याओं का समाधान करने व कमियों को दूर करने के साथ मौसमी प्रभाव को देखते हुए इस आयोजन को दो माह के लिये आगे बढ़ाना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता हैं.
इधर, रेसा पी के प्रदेश अध्यक्ष डायालाल पाटीदार सहित कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने ग्रामीण ओलम्पिक खेलकूद के आयोजनो को भारी बरसात, मौसमी रोगो के प्रकोप, पशुओं के रोगों से जुड़ी समस्याओं जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए को देखते हुए दो माह के लिये स्थगित करने व शिक्षा विभागीय प्रतिनिधियो को गैर शैक्षिक कार्यो से मुक्त करने की मांग उठाई हैं. उन्होने इस बाबत राहतकारी कार्यवाही करने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री सहित उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भेजा हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान में अनोखा ऑपरेशन, लड़कियों जैसी पतली आवाज को गले में चीरा लगाकर किया ठीक
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