दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में जेईई मेन्स 2022 परीक्षा का अतिरिक्त चांस दिए जाने की मांग वाली याचिका खारिज की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईआईटी-जेईई एडवांस 2022 परीक्षा तय समय पर परीक्षा होने दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम और ज़्यादा जटिलता नहीं पैदा करना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें सार्वजनिक परीक्षाओं की नियमितता बनानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा परीक्षाओं में कुछ नियमितता होनी चहिये, छात्र कोर्ट चले आते है. याचिकाकर्ता ने कहा परीक्षा के दौरान तकनीकी खामियों की वजह से 50 सवाल नहीं अटेंप्ट नहीं कर पाए.
परीक्षा में तीन घंटे की अवधि के दो पेपर (पेपर 1 और पेपर 2) होते हैं. दोनों पेपरों में उपस्थित होना अनिवार्य है. जेईई एडवांस परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. एक उम्मीदवार लगातार दो वर्षों में अधिकतम दो बार जेईई (एडवांस) दे सकता है. परीक्षा केवल कंप्यूटर आधारित टेस्ट मोड में आयोजित की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी कि जेईई मेन्स परीक्षा में अभ्यर्थियों को दूसरा मौका दिया जाए. याचिकाकर्ता का कहना था कि तकनीकि दिक्कतों के कारण जेईई मेन्स 2022 एग्जाम में वे 50 सवाल अटेम्प्ट नहीं कर पाए थे. ये तकनीकि खामी कैंडिडेट की गलती नहीं थी. लेकिन सेंटर की दिक्कतों का खामियाजा स्टूडेंट को जरूर भुगतना पड़ा. इसलिए कैंडिडेट को एक और मौका मिले, ताकि उसे न्याय मिल सके.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस परीक्षा में और ज्यादा जटिलता पैदा नहीं करना चाहते. सार्वजनिक परीक्षाओं की नियमितता बनानी होगी. छात्र कोर्ट चले आते हैं. आईआईटी-जेईई 2022 एडवांस की परीक्षा तय समय पर होने दें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुप्रीम कोर्ट ने दी सीएम योगी आदित्यनाथ को राहत, नहीं चलेगा हेट स्पीच का केस
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