पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल के संचालक अश्वनी पाठक होटल वेगा को अस्पताल बनाकर संचालित किया जा रहा था. यहां पर दलालों के माध्यम से आयुष्मान कार्डधारियों को भरती किया जाता रहा. इस बात का खुलासा होने के बाद आज जिला प्रशासन ने होटल वेगा को सील कर दिया है. अब जिला प्रशासन द्वारा डाक्टर अश्वनी पाठक पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है.
बताया गया है कि राइट टाउन स्थित सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल के संचालक ने तीन साल पहले अपने बेटे के लिए होटल वेगा बनाई थी. कोविड के कारण होटल का कारोबार नहीं चल पाया. इसके बाद डाक्टर पाठक ने होटल को बिना अनुमति के हास्पिटल में तब्दील कर दिया. यहां पर दलालो के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान कार्ड धारियों को एक हजार रुपए प्रतिदिन देकर भरती कराया जाता. इसके लिए दलालों की गैंग सक्रिय रही जो सारा खेल डाक्टर के इशारे पर करती रही. इन फर्जी मरीजों के नाम पर डाक्टर पाठक द्वारा लाखों रुपए शासन से वसूले जा रहे थे. पुलिस अधिकारियों ने खबर मिलते ही शासकीय डाक्टरों की टीम के साथ दबिश दी तो देखा कि होटल के कमरों में एक पलंग पर दो मरीज भरती मिले. इस कार्रवाई के बाद आज रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों को होटल वेगा को सील कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि होटल को सील करने की कार्यवाही इसलिए भी की गई है कि जांच प्रभावित हो पाए. सूत्रों की माने तो लम्बे समय से चल रहे इस फर्जीवाड़े की खबर अब पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को लगी है. ऐसे में डाक्टर अश्वनी पाठक ने शासन को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई है. पुलिस की टीम उन दलालों की तलाश में है जो डाक्टर अश्वनी पाठक के इशारे पर आयुष्मान कार्डधारियों को एक हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भरती कराते रहे. वहीं दूसरी ओर इस फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड डाक्टर अश्वनी पाठक पर भी जिला व पुलिस प्रशासन शिकंजा कसने की तैयारी में है. आने वाले दिनों में जिला व पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा और भी बड़ा खुलासा किया जाना संभावित है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी के मेडिकल कालेज में प्रवेश के नाम पर ठगा गया जबलपुर का छात्र..!
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