राहुल गांधी का कांग्रेस छोड़ने वालों पर तंज, कहा- वे भाजपा के सामने हाथ जोड़कर शांति पाना चाहते हैं, मैं लड़ रहा हूं

राहुल गांधी का कांग्रेस छोड़ने वालों पर तंज, कहा- वे भाजपा के सामने हाथ जोड़कर शांति पाना चाहते हैं, मैं लड़ रहा हूं

प्रेषित समय :15:32:17 PM / Fri, Sep 9th, 2022

चेन्नई.कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. अपनी यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने तमिलनाडु में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे भारत जोड़ो यात्रा को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की टिप्पणियों के बारे में पूछा. इस पर राहुल गांधी ने कहा, देखिए यह बीजेपी का ओपिनियन है, आरएसएस का ओपिनियन हो सकता है. ठीक है, उनका अपना ओपिनियन है. उनको हक है. मेरी यह यात्रा नफरत के खिलाफ है. देश को जोड़ने के लिए है. मैं इसलिए यात्रा कर रहा हूं, ताकि देश को जो नुकसान आरएसएस और बीजेपी पहुंचा रहे हैं, उसको रोका जा सके. हमें उसके खिलाफ लड़ना है. वरिष्ठ नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, सब लोग लड़ना नहीं चाहते. बहुत लोग बीजेपी के सामने हाथ जोड़कर शांति पाना चाहते हैं. मैं वैसा नहीं हूं.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तंज कसते हुए कहा था, कांग्रेस को यह यात्रा शुरू ही करनी है तो इसकी शुरुआत पाकिस्तान से होनी चाहिए. भारत पहले से जुड़ा हुआ है और एक है. भारत का बंटवारा 1947 में हुआ था. इसलिए भारत में इस यात्रा का कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जुड़ा हुआ है.

कांग्रेस ने 1947 में भारत को खंडित किया था. अगर राहुल गांधी को कोई पछतावा है कि मेरे नाना ने गड़बड़ किया था, पंडित नेहरू के समय में जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था, तो उन्हें पाकिस्तान से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करनी चाहिए. पाकिस्तान को भारत में जोड़ो, बांग्लादेश को अखंड भारत में जोड़ो इसी क्रम में तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने तंज कसते हुए कहा था कि राहुल गांधी भारत जोड़ो नहीं भारत छोड़ो यात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं. जब इस यात्रा के दौरान वह देशभर में घूमेंगे तो पता चलेगा कि 8 साल में पीएम मोदी ने क्या किया है. उनकी आंखें खुल जाएंगी.

दो हजार वर्षों से दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच लड़ाई चल रही है

राहुल गांधी ने कहा, सच कहूं तो, दो हजार वर्षों से दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच लड़ाई चल रही है, और यह जारी रहेगी. भारत के दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, एक दृष्टिकोण कठोर और नियंत्रित करने वाला है, जबकि दूसरा बहुलतावादी और खुले विचारों वाला है. विचारों की यह लड़ाई जारी रहेगी. बीजेपी ने इस देश के सभी संस्थानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है और उनके माध्यम से दबाव डाल रहे हैं. हम अब एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं. यह अब भारतीय राज्य की संरचना और विपक्ष के बीच की लड़ाई है. फिर से कांग्रेस की कमान संभालने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, मैं (कांग्रेस का) अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, यह तब स्पष्ट हो जाएगा जब अध्यक्ष पद का चुनाव होगा, मैंने बहुत स्पष्ट रूप से तय कर लिया है कि मैं क्या करूंगा. मेरे मन में कोई भ्रम नहीं है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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