कांग्रेस को विपक्षी एकता पर फोकस छोड़ कर अपनी ढाई सौ से ज्यादा जीतने योग्य सीटों पर ध्यान देना चाहिए?

कांग्रेस को विपक्षी एकता पर फोकस छोड़ कर अपनी ढाई सौ से ज्यादा जीतने योग्य सीटों पर ध्यान देना चाहिए?

प्रेषित समय :21:22:28 PM / Fri, Sep 9th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. लंबे समय से यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि बगैर विपक्षी एकता के केंद्र से मोदी सरकार को नहीं हटाया जा सकता है, जबकि सच्चाई यही है कि अकेली कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की ताकत रखती है?
बीजेपी की सारी सियासी ताकत केवल उत्तर भारत में है, जहां ज्यादातर सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, यदि जनता ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया, तो कांग्रेस की सीटें ही बढ़ेंगी, हालत यह है कि यदि बीजेपी की 35 सीटें भी कम हो जाती हैं, तो बीजेपी एकल बहुमत खो देगी?
यही वजह है कि विपक्षी एकता का मुद्दा बार-बार उठाया जा रहा है!
दरअसल, गोदी मीडिया पॉलिटिकल हूटिंग करके जनता को यह संदेश देना चाहती है कि बीजेपी को मात देना संभव नहीं है, जबकि आंकड़े कहते हैं कि यदि कांग्रेस ने सही सियासी प्रबंधन के दम पर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ा, तो न केवल मोदी सरकार को केंद्र से हटा देगी, बल्कि गैरभाजपाई प्रधानमंत्री भी कांग्रेस से ही होगा!
ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और केसीआर, कांग्रेस से इसलिए दूरी बना रहे हैं कि वे स्वयं प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं, लेकिन क्या बगैर कांग्रेस के समर्थन के ये प्रधानमंत्री बन सकते हैं?
कांग्रेस के पास अभी भी 50 से ज्यादा सांसद और 700 से ज्यादा एमएलए हैं, मतलब.... 100 से ज्यादा सीटें तो कांग्रेस सामान्य प्रयासों से हासिल कर सकती है!
राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बीजेपी अधिकतम सीटों पर है और जहां फैसला केवल कांग्रेस-बीजेपी के बीच होना है, ऐसे में इन राज्यों में बीजेपी की जो भी सीटें कम होंगी, कांग्रेस के खाते में जाएंगी?
पंजाब में भले ही कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई हो, लेकिन वहां से जो भी सीटें मिलेंगी वे कांग्रेस और आप को मिलेंगी, बीजेपी को क्या मिलेगा?
इसी तरह महाराष्ट्र में शिवसेना के अलग होने के कारण कई सीटें बीजेपी के हाथ से निकल जाने की सियासी आशंका है?
उधर, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और केसीआर पूरी ताकत लगा कर चुनाव लड़े, तब भी कांग्रेस की आज की लोकसभा सीटों तक नहीं पहुंच सकते हैं!
यदि मुस्लिम मतदाताओं का क्षेत्रीय दलों से मोहभंग हो गया, तो केंद्र में कांग्रेस को एकल बहुमत भी मिल सकता है?
विपक्षी दल एक हों या नहीं हों, मोदी सरकार के लिए तो खतरे की घंटी बज रही है?
https://www.palpalindia.com/2022/09/07/New-Delhi-Opposition-parties-united-or-not-Modi-government-alarm-bells-are-ringing--news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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