गोरखपुर. उत्तर प्रदेश की गोरखपुर नगर निगम ने लगभग एक दर्जन वार्ड के मुस्लिम लगने वाले नाम बदल दिए हैं, जिस पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. नाम बदलना परिसीमन अभ्यास का हिस्सा था, जिसके तहत गोरखपुर में वार्ड की कुल संख्या 80 हो गई, जिनमें से कई का नाम प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा गया.
अब महाराणा प्रताप, पंडित मदन मोहन मालवीय, डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद अशफाकउल्ला खान और मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली महान हस्तियों के नामों से कई वार्ड जाने जाएंगे. मोहद्दीपुर का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, क्योंकि इस वार्ड में सिख समुदाय की भी काफी जनसंख्या है.
सिंधी समुदाय के स्वामी झूलेलाल के नाम पर भी एक वार्ड का नाम रखा गया है. नौसढ़ में निषाद समुदाय की एक बड़ी आबादी है, इसलिए इसका नाम मत्स्येंद्र नगर रखा गया है. कई वार्ड का नाम बाबा गंभीरनाथ, फिराक गोरखपुरी, महात्मा ज्योतिबा फुले, बंधु सिंह, संत झूलेलाल नगर और अन्य विश्व प्रसिद्ध लोगों के नाम पर रखा गया है.
मिया बाजार, मुफ्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, इस्माइलपुर, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी, घोसीपुरवा, दाउदपुर, जाफरा बाजार, काजीपुर खुर्द, चक्सा हुसैन जैसे मुस्लिम नाम वाले वार्ड नामों को बदल दिया गया है. मसलन अब इलाहीबाग को बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और जाफरा बाजार को आत्माराम नगर के नाम से जाना जाएगा.
गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं. महापौर ने कहा कि शहीद अशफाकउल्लाह खान, शिव सिंह छेत्री हमारे लिए सम्मान के प्रतीक हैं, बाबा गंभीर नाथ, बाबा राघवदास, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय ने हमें संस्कृति और आध्यात्मिकता की विरासत दी और वार्ड का नाम ऐसे लोगों के नाम पर रखा गया है.
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि वार्ड के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी गई है और आपत्तियों के निस्तारण के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी. उधर समाजवादी पार्टी के नेता और इस्माइलपुर क्षेत्र के नगरसेवक शहाब अंसारी ने कहा कि पार्टी रविवार को इस संबंध में बैठक करेगी और सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात कर नाम बदलने पर आपत्ति जताएगा. कांग्रेस नेता तलत अजीज ने नाम बदलने की कवायद को पैसे की बर्बादी करार दिया, उन्होंने कहा कि मैं यह समझने में विफल हूं कि सरकार इस अभ्यास के माध्यम से क्या हासिल करेगी.
गोरखपुर नगर निगम ने परिसीमन पर एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं. कुल 24 वार्ड के नाम महान लोगों के नाम पर रखे गए हैं. गोरखपुर में पहले 70 वार्ड थे, जो अब 80 हो गए हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार एक वार्ड की आबादी लगभग 11000 है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी के बाराबंकी में मजदूरों से भरी बस को ट्रक ने मारी टक्कर, हादसे में 4 की मौत, कई घायल
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