दिल्ली. असम सरकार और 8 जनजातीय समूहों के प्रतिनिधियों के बीच आज गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि ये समझौते ऐतिहासिक हैं. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नार्थ ईस्ट को शांत और विकसित बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. गृह मंत्री ने कहा कि असम सीमा को लेकर जो भी विवाद हैं, हम उन सभी को खत्म करना चाहते हैं. असम और नॉर्थ ईस्ट का विकास करके उसे भी देश के बाकी हिस्सों की तरह मजबूत करना है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार शाम को असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद को लेकर समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि 2014 से हमने नार्थ ईस्ट को मजबूत करने का कार्यक्रम शुरू किया है. नार्थ ईस्ट में शांति हो, उसको लेकर भी भारत सरकार काम कर रही है. ग्रुप और राज्यों के बीच में बहुत लड़ाई हुई है. इसके कारण बहुत से लोग मारे गए हैं जिसमें पुलिस वाले और आम जनता भी मारी गई. अब हमने तय किया है कि असम सीमा से जुड़े जो भी विवाद हैं उनको हम खत्म करना चाहते हैं. नार्थ ईस्ट का विकास करके उसे भी देश के बाकी हिस्सों की तरह मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इसको लेकर काम किए है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम की बोडो समस्या को हमने समाप्त कर दिया है. सीमा को लेकर चल रहे विवाद को 65 प्रतिशत तक खत्म कर दिया गया है. यह बड़ा अचीवमेंट है. हम लोग असम और नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए तेजी से काम में लगे हैं. असम सरकार मिलकर ये सब काम कर रही है. हमने आज तक जो भी समझौते किए हैं, उसके 93 प्रतिशत काम हमने पूरे किए हैं. असम से बहुत सी जगह से हमने एएफएसए को हटाने का काम किया है. असम की सरकार के साथ मिलकर हम चाय बागान के सेक्टर में काम करेंगे. पहले जो घटनाएं होती थी, मोदी जी की सरकार आने से घटनाओं में पहले से कमी आई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केजरीवाल सरकार का नया आदेश: दिल्ली में सबको नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी, 1 नवंबर से लागू होगा नया नियम
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