मास्को. रूस और यूक्रेन के बीच 7 महीने से जंग जारी है. इस बीच, पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं. इन्हीं हालात के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया और एक बड़ा ऐलान किया. पुतिन ने रूस में आंशिक सैन्य शासन लगने का फैसला किया है. पुतिन ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों, खासतौर पर अमेरिका से कहा कि रूस के पास हथियारों की कमी नहीं है. बकौल पुतिन, पश्चिमी देशों ने सीमा पार कर ली है. ये देश रूस को कमजोर करना चाहते हैं. रूस को विभाजित और नष्ट करने का आह्वान किया जा रहा है. हमें अपना भविष्य तय करने का अधिकार है.
जानिए क्या होगा आगे
पुतिन के इस ऐलान को युद्ध की तैयारियों से देखा जा रहा है. जानकारों के मुताबिक, इससे रूस को एक मजबूत आधार मिलेगा. आंशिक लामबंदी का मतलब यह हो सकता है कि रूसी नागरिकों को युद्ध के प्रयास में अधिक योगदान देना होगा. पुतिन ने कहा है कि नागरिक जो वर्तमान में रिजर्व में हैं और जो सशस्त्र बलों में सेवा दे चुके हैं, जिनके पास कुछ सैन्य विशिष्टताओं और प्रासंगिक अनुभव हैं, उनकी भर्ती की जाएगी.
रूसी मीडिया के अनुसार, पुतिन ने आंशिक सैन्य लामबंदी के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और बुधवार से यह लागू हो रहा है. पुतिन के हवासे से मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि यदि क्षेत्रीय अखंडता को खतरा है, तो रूस सभी उपलब्ध साधनों-संसाधनों का उपयोग करेगा. यह कोई झांसा नहीं है. उन्होंने परमाणु हमले की आशंका पर कहा कि रूस के पास पश्चिमी खतरों का जवाब देने के लिए बहुत सारे हथियार है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रूस ने शुरू किया 'फिल्ट्रेशन ऑपरेशन', हजारों यूक्रनियों को बना रहा बंधक
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