जबलपुर. आयुध निर्माणी फैक्ट्री खमरिया, जबलपुर में गुरुवार की दोपहर हुए हादसों में गंभीर एक कर्मचारी को एयर लिफ्ट कर मुंबई उपचार के लिए ले जाया गया है, वहीं हादसे पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. इंटक नेता अरुण दुबे ने ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के मिस मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही मांग की है कि इस दुर्घटना का अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उच्च स्तरीय जांच की जाए. इंटक नेता अरुण दुबे ने कहा है कि निर्माणी में सुरक्षा नियमों की सरेआम अवेहलना की गई है. इतना ही नहीं घटिया मशीनरी खरीदी गई और पुराने मशीनों से प्लांट में काम करवाया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि अनुभवी अधिकारियों की स्थान पर उन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है जो कि किसी ना किसी के एप्रोच से आ रहे हैं।
ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में गुरुवार को फिलिंग-6 सेक्शन में हुए विस्फोट में 6 कर्मचारी झुलस गए हैं जिसमें एक की हालत नाजुक बनी हुई है. हादसे को लेकर कर्मचारियों में खासा आक्रोश है. बताया जा रहा है कि नॉन टेक्निकल जेडब्ल्यूएम को फायर ऑफिसर बनाया गया. वहीं यह जानकारी भी सामने आई है कि फिलिंग फायर स्टेशन जहाँ हमेशा एंबुलेंस खड़ी रहती है पर आज ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला, नतीजन दुर्घटना के समय एंबुलेंस देरी से पहुंची जिसके कारण कर्मचारियों की यह हालत बन गई।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार की दोपहर हुए हादसे की वजह प्रबंधन की लापरवाही भी है. बताया जाता है कि फीलिंग सेक्शन काम करते समय कर्मचारी जिस डी.बी सूट को पहनते हैं वह सफेद होना चाहिए और उसे रोज धुलाना भी चाहिए, पर इसे माह में एक बार धुला जाता है, जिसके कारण डी.बी सूट के ऊपर बारूद पड़ते-पड़ते यह सफेद से पीला हो जाता हैं जिसके कारण जरा सी चिंगारी सूट और उसे पहने हुए व्यक्ति को जला देती हैं. अगर डीबी सूट को रोज धुला जाता और वह सफेद रहता तो यह घटना नहीं होती।
जानकार बताते हैं कि हादसे की एक वजह मिस मैनेजमेंट भी है. जिस टेक्निकल अधिकारी ज्वाइंट जी.एम दिनेश कुमार को कर्मचारियों के बीच रहना चाहिए था, वह अधिकारी एडमिन और प्लानिंग का काम देख रहा है. बताया यह भी जा रहा है कि फिलिंग सेक्शन में फायर ब्रिगेड के साथ हमेशा एक एंबुलेंस खड़ी होती थी पर उसे यह कहकर हटा दिया गया की फैक्ट्री में एंबुलेंस की कमी है, जरूरत पडऩे पर अस्पताल से एंबुलेंस बुला ली जाएगी।
गुरुवार की दोपहर को फीलिंग-6 सेक्शन में मेल्टर मशीन से बारूद मिक्स करने के बाद उसे पिघलाया जा रहा था और फिर पिघले बारूद को ट्रे में रखे जाने के दौरान आग लग गई जिसमें की छह कर्मचारी नंदकिशोर, करण आर्य, अंकित आर्य, कालूराम मीणा, विजय और श्याम देव झुलस गए हैं. हादसे में नंदकिशोर की हालत नाजुक बनी हुई है, जिन्हें की एयर एंबुलेंस से मुंबई भेजा गया है. घटना के बाद हादसे में जले हुए कर्मचारियों से मिलने निर्माणी के जनरल मैनेजर अशोक कुमार भी पहुँचे थे।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर सेन्ट्रल जेल में कैदियों ने बनाई दुर्गा प्रतिमाएं, 800 ने उपवास रखा..!
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