बारडोली. गुजरात के सूरत जिले में पुलिस ने नकली नोटों के रैकेट का पर्दाफाश किया है. इसके तहत अलग-अलग जगहों से 317 करोड़ 98 लाख के नकली नोट जब्त किए गए हैं. इनमें 67 करोड़ के पुराने नोट भी शामिल हैं. इसके साथ ही पुलिस ने मुंबई के मास्टर माइंड विकास जैन सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोप है कि यह लोग ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने के लिए ट्रस्ट और आयोग के नाम पर लोगों से पैसों की ठगी कर रहे थे.
आरोपियों की पहचान हितेश परसोत्तम कोटलिया, दिनेश लालजी पोशिया, विपुल हरिश पटेल, विकास पदमचंद जैन, दिनानाथ रामनिवार यादव और अनूष विरनची शर्मा के रूप में हुई है. इससे पहले अहमदाबाद से मुंबई की तरफ जाने वाले रोड पर नवी पारडी गांव के पास एंबुलेंस से नकली नोट पकड़े गए थे. इस दौरान पुलिस ने 25 करोड़ 80 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए थे. इसके साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इन लोगों से पूछताछ के बाद 2 लोगों के घर रेड डाली गई थी. इसके बाद 52 करोड़ रुपए और 12 करोड़ रुपए के जाली नोट बरामद किए गए.
मुंबई के मुख्य सूत्रधार का नाम सामने आया
बीते 29 सितंबर को कामरेज के नवी पारडी से पुलिस ने जामनगर के एक चैरिटेबल ट्रस्ट की एंबुलेंस से करोड़ों के नकली नोट पकड़े थे. इस मामले में एंबुलेंस के चालक हितेश के घर के पीछे छिपाए गए 52 करोड़ से ज्यादा नकली नोट बरामद किए गए. इस मामले में जांच मुंबई की तरफ चली और मुंबई से मास्टर माइंड और वीआरएल लॉजिस्टिक आंगडिय़ा कंपनी के मालिक विकास जैन का नाम सामने आया. उसने पूछताछ में साथियों के नाम भी बताए, जिन्होंने दान करने के नाम पर लोगों के साथ नकली नोटों के बहाने असली नोट लेकर धोखाधड़ी की थी.
विकास जैन जब किसी व्यक्ति के साथ ट्रस्ट में दान करने के लिए डीलिंग करता था तो वह दान की रकम का 10त्न एडवांस बुकिंग के रूप में लेता था. उसके कई राज्यों में ऑफिस हैं. इन्ही के जरिए उसने ट्रस्ट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया और नकली नोटों को असली बताकर बुकिंग के नाम पर करोड़ों रुपए वसूल किए.
आरोपियों ने किया पुलिस को गुमराह
पहली बार इस मामले का खुलासा तब हुआ था, जब आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया था कि वे फिल्मों की शूटिंग के लिए इन नोटों का इस्तेमाल करते है, जबकि जांच के दौरान पता चला कि यह लोग ट्रस्ट का इस्तेमाल कर नकली नोटों को असली बताकर बुकिंग के नाम पर लाखों रुपए हड़पते थे.
ऐसे दिखाते थे नकली नोट
डीलिंग के दौरान आरोपी वीडियो कॉल करते थे और उस वीडियो कॉल में नकली नोट बता कर सामने वाले को विश्वास में लेते थे. जांच में पता चला है कि पुलिस ने 2000 और 500 के नए नोटों के साथ केंद्र की ओर से प्रतिबंध किए गए 1000 और 500 के नोट भी बरामद किए हैं. जिस प्रिंटर से नोट छापे जा रहे थे, उसकी तलाश की जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: सबका सियासी हिसाब गड़बड़ा रहा है कि आप किसके वोट काटेगी?
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