हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी कि चौथे दिन करवा चौथ व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह तिथि 13 अक्टूबर, 2022 को पड़ रही है।*
दिन: गुरुवार/बृहस्पतिवार
*हिंदी महीना: कार्तिक
*पक्ष: कृष्ण पक्ष
*तिथि: चतुर्थी
*करवा चौथ पूजा मुहूर्त: 13 अक्टूबर, 2022 की शाम 05 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक*
*अवधि: 1 घंटा 09 मिनट*
हरियाणा उत्तर प्रदेश में दोपहर 2 बजे 4 बजे तक कथा सुन कर चाय वगैरह ले लेते हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए भी बीच में चाय या जूस दे सकते हैं.
*चंद्रोदय: 13 अक्टूबर, 2022 की शाम 08 बजकर 10 मिनट पर*
करवा चौथ का व्रत उदया तिथि के अनुसार 13 अक्टूबर को रखा जाएगा.इस दिन शाम को 06:41 मिनट तक कृतिका नक्षत्र रहेगा फिर रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा.
करवा चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है और अर्ध्य दिया जाता है.करवा चौथ के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे.चंद्रमा का उच्च राशि वृषभ में होना और रोहिणी नक्षत्र का होना बहुत ही शुभ होता है.
इस समय में की गई पूजा बहुत शुभ फल देती है और व्रत भी फलदायी होता है.
हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत को बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है. करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी, जो कि भगवान गणेश के लिए उपवास करने का दिन होता है,
एक ही दिन आता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं.
करवा चौथ का व्रत कठिन होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किए बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है. इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. करवा चौथ के दिन पूजा की थाली का भी बहुत महत्व माना जाता है.
इस समय गुरु देव बृहस्पति, बुध और शनि स्वगृही यानी अपनी-अपनी राशि में विराजमान हैं, जिससे सुख और सौभाग्य पाने में सरलता होगी.
सूर्य और बुध भी एक साथ होंगे और उन पर गुरु का प्रभाव भी होगा. इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध और विश्वास मजबूत होगा. शुक्र-बृहस्पति का संबंध भी इस पर्व पर बना रहेगा, जिससे की गई प्रार्थना शीघ्र स्वीकार होगी.
मीन राशि का बृहस्पति इस पर्व को ज्यादा सुखद बनाएगा. इससे वैवाहिक जीवन की तमाम अड़चनें भी दूर हो जाएंगी.
अगर पति पत्नी में दाम्पत्य जीवन सुखमय नहीं रहता है तो आप मउपाय कर सकते हैं.
अगर पति पत्नी के बीच में बेवजह झगड़ा होता है तो जल में ढेर सारे सफेद फूल डालकर अर्घ्य दें.
अगर पति-पत्नी के बीच में प्रेम कम हो रहा है तो जल में सफेद चंदन और पीले फूल डालकर अर्घ्य दें.
अगर पति पत्नी के स्वास्थ्य के कारण वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो तो पति-पत्नी एक साथ चन्द्रमा को अर्घ्य दें. जल में जरा सा दूध और अक्षत डालें.
अगर नौकरी के कारण या जीवन में किसी अन्य कारण से पति-पत्नी के बीच में दूरियां हों तो चन्द्रमा को शंख से जल अर्पित करें.
सभी माताओं और बहनों को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!
शक्ति उपासक-आचार्य पटवाल
Shakti-Upasak Acharya Patwal
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