DIWALI 2022: दीपावली पूजन, ग्रहण काल और शुभ मुहूर्त

DIWALI 2022: दीपावली पूजन, ग्रहण काल और शुभ मुहूर्त

प्रेषित समय :20:52:20 PM / Fri, Oct 14th, 2022

*अमावस और राहु का नक्षत्र स्वाति मे करे सिद्ध लक्ष्मी पूजन* इस बार दीपावली पर्व 24 अक्टूबर  सोमवार वार को मनाया जा रहा है, इस बार आमावस् तिथि 24 अक्टूबर  को शाम  4.30बजे से प्रारंभ होगी तथा 25 अक्टुबर को शाम 4.30 मिनट मे खत्म होगी.

*सूर्य ग्रहण के कारण इस बार सिंह लगन मे पूजन नही*
इस बार दीपावली सोमवार को आ रही है,अमावस्या तिथि सोमवार 24 अक्टुबर  को 5:30 से 25 अक्टुबर  को 04:30 शाम तक रहेगी इस अमावस मे ही महालक्ष्मी पूजन का विधान है. जो लोग सिंह लग्न मे पूजन करना चाहते है उन्हे इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा की 25 अक्टुबर को सूर्य  ग्रहण के कारण ग्रहण का सुतक काल रात्रि  02:28 से प्रारंभ हो जायेगा, जबकि सिंह लगन रात्रि 1:35 को प्रारंभ होगा, यानी सिंह लगन प्रारंभ  होने के 53 मिनिट बाद सूर्य ग्रहण  का सुतक काल लग जायेगा इस कारण इस बार सिंह लगन मे दीपावली पूजन नही होगा.
*वृषभ लगन मे ही इस बार पूजन करे*-इस बार पुरे भारत मे वृषभ लगन का समय  7 बजे से 9 बजे के बीच रहेगा, जो दीवाली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त है.

*इन्दौर*-24 अक्टुबर अमावस तिथि
सोमवार प्रदोष काल रात्रि 7:10 से 9:20 तक वृषभ लग्न रहेगा, जो की इस वर्ष दीपावली का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है.
*24 अक्टुबर सोमवार अमावस तिथि
शाम 5.30 से 25 अक्तुबर शाम 4.30  तक. 
उपरोक्त समय महालक्ष्मी पूजन का शुध्द व सही मुहूर्त है इस समय किया गया पूजन आपको श्रेष्ठ फल देगा.
*महालक्ष्मी के विषय मे सम्पूर्ण जानकारी
मां लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी हर तरह की समस्याएं दूर करती हैं. इतना ही नहीं, देवी साधकों को यश और कीर्ति भी देती है.
*मां लक्ष्मी की महिमा
धन और संपत्ति की देवी हैं मां लक्ष्मी, माना जाता है कि समुद्र से इनका जन्म हुआ और इन्होंने श्रीविष्णु से विवाह किया. इनकी पूजा से धन की प्राप्ति होती है, साथ ही वैभव भी मिलता है, अगर लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं, तो घोरदरिद्रता का सामना करना पड़ता है, ज्योतिष में शुक्र ग्रह से इनका सम्बन्ध जोड़ा जाता है, इनकी पूजा से केवल धन ही नहीं, बल्कि नाम, यश भी मिलता है, इनकी उपासना से दाम्पत्य जीवन भी बेहतर होता है.
*लक्ष्मी की पूजा के नियम
*मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए. 
*मां लक्ष्मी के उस प्रतिकृति की पूजा करनी चाहिए, जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों, साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो.
*मां लक्ष्मी को कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है.
*मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर वह तुरंत प्रभावशाली होता है.
*मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
*अलग-अलग समस्याओं के लिए महालक्ष्मी का पूजन
*नियमित धन प्राप्ति के लिए*- धन लक्ष्मी की पूजा. मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके हाथों से धन गिर रहा हो. चित्र के समक्ष घी का एक बड़ा सा दीपक जलाएं, इसके बाद उनको इत्र समर्पित करें,वही इत्र नियमित रूप से प्रयोग करें.
विभिन्न राशियों के लिये लक्ष्मी पूजन
*मेष, सिंह और धनु*
ये तीनो अग्नि तत्व प्रधान राशि है इन  राशि वालों के लिए धन लक्ष्मी की पूजा विशेष लाभकारी होती है,मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो.चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें. पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें.
*मिथुन, तुला और कुम्भ राशि
इन राशि वालों के लिए गजलक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है,कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा,लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों.
लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी को एक कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें,पूजा के उपरांत उसी फूल को अपनी तिजोरी मे रख दें.
*वृष, कन्या,मकर*
इस राशि के लोगों के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा विशेष होती है. नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए: ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा, गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें, गणेश जी को पीले और लक्ष्मी जी को गुलाबी फूल चढ़ाएं, लक्ष्मीजी को अष्टगंध चरणों में अर्पित करें, नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं.
*कर्क, वृश्चिक और मीन राशि‍*
इस राशि के लिए वरलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है. धन के नुकसान से बचने के लिए: वर लक्ष्मी की पूजा मे लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें. जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों,उनके सामने सिक्के तथा नोट अर्पित करें,पूजन के बाद यही धनराशि अपनी तिजोरी मे रखें, इसे खर्च न करें. उपरोक्त विधि विधान से पूजन करने पर महालक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगीं तथा घर मे समृद्धि व प्रसन्नता आयेगी.
*देश के प्रमुख शहरों में वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन का शुद्ध समय
*दिल्ली 6:50 से 8:55*
*चंडीगढ़ 6:45से 8:50*
*अमृतसर 6:55से 9:05*
*शिमला 6:45 से 8:52*
*श्रीनगर  6:51 से 8:55* 
*जम्मू 6:53 से 8:58*
*जयपुर 7:00 से 8:55*
*जैसलमेर 7:20 से 9:30*
*जोधपुर 7:25 से 9:30*
*अहमदाबाद 7:30 से 9:35*
*भुज 7:33 से 9:45*
*मुम्बई 7:45 से 9:50*
*नागपुर 7:00 से 9:05*
*औरंगाबाद महाराष्ट्र 7:15 से 9:25*
*हैदराबाद 7:05 से 9:15*
*बंगलौर 7:15 से 9:25*
*चेन्नई 6:50 से 8:55*
*हुबली 7:15 से 9:25*
*उडिपि 7:20 से 9:30*
*सीलीगुरी 6:15 से 8:25*
*कोलकता 6:20 से 8:30*
*गौहाटी 6:05 से 8:10*
*डिब्रुगड 5:45 से 7:55*
*इटानगर 5:50से 7:55*
*आईजोल 6:00 से 8:10*
*इम्फाल 5:55 से 8:00*
*तिरुचिरापली 7:15 से 9:25*
*नागेर्कॉइल केवल 7:15 से 9:25*
*पटना 6:20 से 8:30*
*रांची 6:30 से 8:45*
*बिलासपुर छत्तीसगढ़ 6:40 से 8:50*
*रायपुर 6:45 से 8:50*
*हरिद्वार 6:40 से 8:50*
*बनारस 6:40 से 9:50*
*लखनऊ 6:40 से 9:59* 
*तिरुपति 7:10 से 9:20*
*पुरी 6:30 से 8:45*
*इन्दौर 7:10 से 9:20*
*ग्वालियर 6:50 से 8:55*
*भोपाल 6:50 से 8:55*
*जबलपुर 6:50 से 8:55*
हमने देश के हर हरे बड़े शहर मॆ स्थिर लगन वृषभ का पूजन काल निकाला है आपके  नगर मॆ पूजन का समय आपको निकालना है तो उपरोक्त नगरों के आसपास अपना शहर खोजें तथा दिये गये समय मॆ ही पूजा करें.

पं .चंद्रशेखर नेमा हिमांशु
9893280184,7000460931

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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