तिरुवनंतपुरम. कोरोना महामारी के बाद संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. ताजा खबर केरल से है. स्थानीय महामारी विज्ञानी राहुल एस. के मुताबिक, केरल के कोट्टायम के मीनाचिल में एक निजी पिग फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का मामला सामने आया है. यहां अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पहला मामला 13 अक्टूबर को सामने आया था जिसके बाद अगले 2-3 दिनों में फार्म में 6-7 सूअरों की मौत हो गई. सैंपल को जांच के लिए भेजा जहां इसकी पुष्टि हुई.
जानकारी के मुताबिक, जिस फॉर्म में यह मामला सामने आया है, वहां किसान के पास कुल 67 पिग थे जिसमें से 19 पहले ही मर चुके थे और 48 पिग को पशुपालन विभाग द्वारा मार दिया गया. इस क्षेत्र में जानवरों के परिवहन और बिक्री, जानवरों के मांस की बिक्री और जानवरों को ले जाने वाले वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है. कुछ महीने पहले वायनाड और कन्नूर जिलों के कुछ खेतों से अफ्रीकी स्वाइन बुखार की सूचना मिली थी.
अफ्रीकन स्वाइन फ्लू एक वायरल बीमारी है. इससे संक्रमित जानवरों में 100 प्रतिशत मृत्यु दर हो सकती है. वायरल का प्रकोप घरेलू और जंगली सूअरों, दोनों में देखने को मिला है. यह एक सूअर से दूसरे सूअर में तेजी से फैलता है. इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है. अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार, सूअरों को बिना पका हुआ भोजन खिलाना इस संक्रामक बीमारी का प्रमुख कारण हो सकता है. इससे संक्रमित इंसानों में तेज बुखार, भूख में कमी और कमजोरी, लाल, धब्बेदार त्वचा या घाव, दस्त और उल्टी, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण सामने आए हैं.
यह रोग संक्रमित सुअरों, उनके मल या शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क से फैलता है. जो लोग सूअरों की देखभाल करते हैं, उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं, या सूअर के मांस के सम्पर्क में रहते हैं, उन्हें खतरा अधिक है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केरल हाईकोर्ट का आदेश: हड़ताल में की गई तोडफ़ोड की भरपाई के लिए 5.20 करोड़ जमा करे PFI
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