शहडोल. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन शहडोल पहुंची. यहां वह आदिवासी गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं. शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से नियमावली का विमोचन कर उन्होंने पेसा एक्ट लागू किया. पेसा एक्ट लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का 7वां राज्य बन गया है. इससे पहले 6 राज्य हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ने पेसा कानून बनाए हैं. कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगु भाई पटेल भी मौजूद रहे.
शहडोल में आदिवासी गौरव दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आज मैं सभी देशवासियों को बधाई देती हूं. राष्ट्रपति के रूप में ये मेरी मध्यप्रदेश की पहली यात्रा है. इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित भाई-बहनों के बीच आकर बहुत खुश हूं. हमारे देश में जनजातीय आबादी की संख्या दस करोड़ है. डेढ़ करोड़ से ज्यादा आबादी मध्यप्रदेश में है. जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है, उन्हें देखकर उम्मीद करती हूं कि आने वाला समय और अधिक उज्जवल होगा.
सीएम शिवराज सिंह ने भी किया लोगों को संबोधित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू जी पहली बार मध्यप्रदेश आई हैं. शहडोल में तो पहली बार कोई राष्ट्रपति आया है. दूर-दूर तक जनसमुदाय दिख रहा है. 83 ब्लॉक्स में यह पेसा कानून लागू होने वाला है. यह जमीन, जंगल, जल, खदानें भगवान ने सबके लिए बनाई है. यह हम सबकी है. पेसा कानून के तहत हमने जो नियम बनाए हैं, उसमें जल, जंगल और जमीन का अधिकार आपको दिया जा रहा है. हर साल गांव की जमीन, उसका नक्शा, वनक्षेत्र का नक्शा, खसरे की नकल, पटवारी को या बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखानी होगी. ताकि जमीनों में हेर-फेर न हो. नामों में गलती है तो यह ग्रामसभा को उसे ठीक कराने का अधिकार होगा. किसी भी प्रोजेक्ट, बांध या किसी काम के लिए हमारे गांव की जमीन ली जाती है, लेकिन अब ग्राम सभा की अनुमति के बिना ऐसा नहीं हो सकेगा.
पेसा कानून से सभी को फायदा- राज्यपाल
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में राष्ट्रपति जी के आगमन से हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में पहले गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे. दूसरे गौरव दिवस पर राष्ट्रपति की मौजूदगी ने इस दिन को खास बना दिया है. मध्यप्रदेश में पेसा कानून के नियमों का अमल होगा. इसमें सभी लोगों को सहयोग देना होगा. इन नियमों के लागू होने से ग्रामसभा बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्य प्रदेश: मुरैना में बोलेरो और डंपर की भिड़ंत में 5 लोगों की हुई मौत
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